महाराष्ट्र में भ्रष्टाचारियों की उलटी गिनती शुरू हो गई है. क्योंकि ED भ्रष्टाचार में शामिल लोगों के लिए काल बन चुकी है. इस कड़ी में प्रवर्तन निदेशानल ने संजय राउत के खिलाफ बड़ा ऐक्शन लेते हुए उनकी 11 करोड़ की संपत्ति को जब्त किया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उनके फ्लैट और प्लॉट कुर्क कर लिए गए हैं। ED ने कहा कि उसने 1,034 करोड़ रुपये के पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में शिवसेना नेता संजय राऊत की संपत्ति कुर्क की है। प्रवर्तन निदेशालय ने 1,034 करोड़ रुपये के पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में शिवसेना नेता संजय राऊत के अलीबाग प्लॉट और दादर और मुंबई में एक-एक फ्लैट को कुर्क किया।

जिसके बाद बड़बोले संजय राऊत ने मानो सभी को धमकाते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी . उन्होंने कहा कि , “मैं वो नहीं हूं जो डर जाऊं। मेरी संपत्ति जब्त कर लो, मुझे गोली मार दो, जेल भेज दो, संजय राऊत, बालासाहेब ठाकरे का चेला है। एक शिवसैनिक है। वो लड़ेगा और सबका पर्दाफाश करेगा। मैं चुप रहने वालों में से नहीं हूं। उन्हें फुदकने दो। नाच लेने दो जितना नाचना है” .

इतना ही नहीं ED की इस कार्रवाई पर संजय राउत ने केंद्र सरकार पर अपना गुस्सा निकालते हुए कहा कि “दिल्ली से लोग आते हैं। हमारे लोगों के घरों में घुस जाते हैं। न नोटिस, न वारंट, न कोई समन। ठीक है, देख लेंगे। वक़्त बदल जाएगा और हमारा भी वक्त आएगा।” संजय राउत का कहना है कि महाराष्ट्र जैसे राज्य जो बीजेपी शासित राज्य नहीं है। वहां पर केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है। वह लोकतंत्र और हमारी आज़ादी को खतरे में लाना वाला है। यह ठीक नहीं है।

फिलहाल संजय राउत गुस्साने और अपनी भड़ास निकालने के अलावा कर भी क्या सकते हैं क्योंकि यहां तो ED ने सारा खेल ही पलट दिया. हाल के दिनों में जिस तरह से महाराष्ट्र सरकार के भ्रष्ट मंत्रियों नवाब मलिक और अनिल देशमुख पर कार्रवाई हुई है वो वाकई भ्रष्टाचारियों के लिए खतरे की घंटी है. यानि ऐसे लोगों के लिए ED का नाम ही काफी है. क्योंकि इन दोनों को जेल पहुंचाने के पीछे भी ED का अहम रोल रहा है.

 

 

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