सुशांत सिंह राजपूत की असामयिक मृत्यु ने देश मे सिने प्रेमियो में भूचाल ला दिया। 15 मिनट में देश के सभी मीडिया चैनल और सोशल मीडिया पे उनकी तथाकथित आत्महत्या को पूरी कवरेज दी गयी। 1 घंटे में उनके डिप्रेशन में होने की कहानी बताई गई। मीडिया हाउसेस ने बड़ी बड़ी खबरें दी कि किस तरह से उनसे पिछले कुछ दिनों में 7 बड़ी फिल्मे छीन ली गयी। वो फ़िल्म माफिया के चंगुल में फंस गए। 

फिर दूसरे चरण में खूब पुरानी पोस्ट और वीडियो आमने आये जिसमे उनको अपमानित करने की कहानी बताई गई। ” नेपोटिस्म” पे लंबी बहस चली। बताया गया कि बाहर से आये लोगों को फ़िल्म इंडस्ट्री में काम नही मिलता, अपमान किया जाता है और कुछ परिवार पूरी इंडस्ट्री चलाते है। खैर हर इंडस्ट्री में ऐसा ही होता आया है।

कुछ लोगों ने कुछ परिवारों और लोगो के बारे ने पुरानी कहानी बताई, बड़े प्रोड्यूसर और प्रोडक्शन हाउसेस को निशाने पे लिया गया।

पुलिस ने 48 दिन तक कोई FIR नही लिखी। बस जांच चली, आधा अधूरा पोस्टमार्टम हुआ और इसे आत्यहत्या करार दिया गया।

सब कुछ स्वाभाविक लग रहा था लेकिन परिवार सहमत नही था, तो आखिरकार परिवार ने पटना के राजेन्द्र नगर थाने में FIR कराई। अब सामने आई बिहार पुलिस जो मुम्बई पहुची और जांच को नया आयाम दिया।

जांच में कई चीजें सामने आई, 

1-सुशांत की पूर्व मैनेजर दिशा सल्यान की सुशांत से 6 दिन पहले की आत्महत्या की खबर जो मीडिया ने दबा दी गयी। 

2- सुशांत का कुछ दिनों ने बार बार मोबाइल नम्बर बदलना जो उनको धमकी देने की तरफ इशारा करता है।

3- पोस्टमार्टम उनके दोस्त संदीप के दस्तखत से कराया जाना, जबकि कानूनन ये परिवार से कराया जाता है।

4- सीसीटीवी का खराब होना।

5- दिशा की केस फ़ाइल का डिलीट होना।

6- दिशा केस की छानबीन नही होना।

7- मुम्बई पुलिस का बिहार पुलिस को सहयोग न करना।

8- रिया के नाम FIR होने पे भी उसका गायब होना, कोई निगरानी नही रखना।

ऐसा बहुत कुछ मिलने पे बिहार के तेज तर्रार आईपीएस विनय तिवारी को केस संभालने मुम्बई भेज दिया गया।

मुम्बई पहुंचते ही उनको BMC ने 14 दिन ज़बरदस्ती क्वारंटाइन कर दिया जबकि वो ड्यूटी पे थे।

सोशल मीडिया की कुछ रिपोर्ट के हिसाब से, दिशा गर्भवती थी।

कुछ रिपोर्ट बताती है कि दिशा मरने से पहले एक पार्टी में गयी थी जहां महाराष्ट्र के बड़े राजनीतिक परिवार के उत्तराधिकारी, बड़े सिनेमा स्टार के भाई, रिया का भाई और सुशांत का दोस्त शामिल थे, इन लोगो ने दिशा की साथ ज़बरदस्ती की । और बाद में उसे मार दिया गया।सुशांत को उन बातों का पता था और उस पर दबाव था रिया और उसके दोस्त का, धमकी मिल रही थी, लेकिन वो चुप होने को राजी नही था, इसीलिए उसकी हत्या करके, मामले को रफा दफा कर दिया गया ।

अब अगर इसमे सच्चाई है तो कही न कही नेपोटिस्म को उछालने वाले लोग इस साजिश में शामिल है, मीडिया नैरेटिव बनाया गया। कुछ लोगों को आगे करके सोशल मीडिया में नेपोटिस्म को उछाला गया मामले को डाइवर्ट किआ गया।

उम्मीद है कि इस गहरी साजिश से पर्दा उठेगा, और वो सब लोग सामने आएंगे जिन्होंने गलत किया या नैरेटिव बनाने में मदद की।

” जब जवानी की गलती के कारण राजनीतिक करियर तबाह होने जा रहा हो तो हत्या होती है।”

सुकन्या देवी के टाइम सोशल मीडिया नही था, लेकिन अब है, अपनी आवाज़ उठाये और सच सामने लाने में मदद करे।

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