कहते हैं कि एक झूठ को 100 बार बोला जाए तो वो सच प्रतीत होने लगता है। हिंदुस्तान के सभ्यता सफर पर ये बात शत प्रतिशत लागू होती है, क्योंकि यहां इतने झूठ.. इतने सालों से.. इतनी बार बोले गए हैं कि सत्य का सूरज कहीं मनगढ़त मनोहर कहानियों की रद्दी में छिपा दिया गया है। सत्य को साबित करने के लिए संघर्ष करना ही पड़ेगा बेशक ये थोड़ा लंबा ही क्यों न हो। राम जन्मभूमि को उसके वजूद का न्याय मिल चुका है, काशी-मथुरा की कहानी लिखी जानी शुरू हो चुकी है। इसी बीच हम आपको रु-ब-रु कराते हैं आगरा में यमुना नदी के किनारे बने हुए ‘तेजोमहालय’ से… ‘तेजोमहालय’ जी हां भगवान शिव का मंदिर जिसका निर्माण मुगल शासन की स्थापना से पहले देश में कर दिया गया था और जिसे आज की तारीख में ‘ताजमहल’ कहकर पुकारा जाता है। 

मुगल इतिहास के गुलाम इक्कों ने मोहरों की खुली थैलियां देखकर अपने ज़मीर का मुंह बंद कर लिया और वो लिखा जो आजतक राष्ट्र के तौर पर भारत के माथे पर धब्बे की तरह मौजूद है। आगरा में यमुना नदी के किनारे बनी ये सफेद संगमरमर की इमारत दरअसल एक हिन्दू मन्दिर थी, जिसे मुगल शाहजहां ने जयपुर के राजा मानसिंह से हड़प लिया था। इतिहासकार श्री पीएन ओक अपनी किताब ‘Taj Mahal is Hindu Temple Palace’ में 100 से भी अधिक प्रमाण देकर दावा करते हैं कि ताजमहल वास्तव में शिव मंदिर है जिसका असली नाम तेजोमहालय है यह तेजाजी के नाम से बनाया गया था.। श्री पीएन ओक ने अपनी रिसर्च के साथ तकरीबन 100 के करीब तस्वीरें भी प्रकाशित की हैं और यह सिद्ध किया है कि ताजमहल एक हिंदू मंदिर है पीएन ओक ने लगातार कम्युनिस्ट इतिहासकारों को ललकारा और कहा कि आइए हमसे बहस कीजिए मगर हैरानी की बात है कि आजतक कोई कम्युनिस्ट सामने नहीं आया। 

श्री पी एन ओक ने अपनी किताब में दावा किया है कि शाहजहां और यहां तक कि औरंगजेब के शासनकाल में भी किसी भी शाही दस्तावेज या अखबार में ताजमहल का उल्लेख तक नहीं है। इस संबंध में एक मजबूत तर्क यह दिया जाता है कि ताजमहल के अंत में आया ‘महल’ शब्द मुस्लिम नहीं है अफगानिस्तान से लेकर अल्जीरिया तक किसी भी मुस्लिम देश में एक भी ऐसी इमारत नहीं है जिसे ‘महल’ के नाम से पुकारा जाता है। 

आपको बता दें कि ताजमहल शब्द का प्रयोग मुगल दरबारों में कभी किया ही नहीं जाता था ।  ताजमहल के विषय में किसी प्रकार की मुगल व्याख्या ढूंढना ही असंगत है, ताज और महल दोनों ही संस्कृत मूल के शब्द हैं । ताजमहल शिव मंदिर को इंगित करने वाले शब्द तेजो महालय का अपभ्रंश है, जिसे बाद में बदलकर ताजमहल कर दिया गया।

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