‘तेजोमहालय’ ही है ताजमहल! इस श्रृंखला की अगली कड़ी में पेश है तथ्यपरक ये लेख…हर लेख में हम आपको बता रहे हैं कि किस तरह वामपंथी इतिहासकारों ने भारतीय सभ्यता की आत्मा पर प्रहार किया है। किस तरह इस्लामी बर्बर सभ्यता को महान बताकर भारतीय गौरव की गाथा को गर्त में डुबोया है। मगर सनातन के अभ्युदय में परिश्रम करते हुए हम आपके समक्ष पेश कर रहे हैं इस कड़ी को..’ताजमहल’: एक हिन्दू मन्दिर वैज्ञानिक सच! नीचे दिए गए चित्र को ध्यान से देखिए…
ताजमहल के शिखर के पास से गुम्बद के ऊपर वाले क्षितिज की ये फोटो खींची गई है। गुम्बद के ऊपर बना हुआ धातु का ये चिन्ह अर्धचंद्र और नारियल को मिलाकर त्रिशूल की तरह दिखता है। जबकि इस्लामी अर्धचंद्र हमेशा टेढ़े होते हैं, इसके अलावा इस्लामी अर्धचंद्र और ज्यादा गोल होते हैं ताकि बीच में सितारे को जगह दी जा सके। बरसों से इस हिंदू अर्धचंद्र की ब्रिटिश-इस्लामी इतिहासकारों द्वारा गलत व्याख्या की गई और इसे इस्लामी तारा-चांद बताया गया। शाहजहां द्वारा लिखवाया गया ‘अल्लाह’ शब्द आंगन के चिन्ह में नहीं है। नारियल, आम के पत्ते, सहायक कलश ये सब शुद्ध तौर पर हिंदू प्रतीक हैं।
(शेष अगले अंक में..)
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