आंध्र प्रदेश में हिंदू मंदिरों पर लगातार हमले की खबरों से देश में बेचैनी का माहौल है। बीते कई दिनों से आंध्र प्रदेश में सरकारी उदासीनता के चलते हिंदू मंदिरों और हिंदू तीर्थ स्थानों व प्रतीकों पर हमले हो रहे हैं और जानबूझकर हिंदू आस्था को निशाना बनाया जा रहा है। इसी के चलते सोशल मीडिया पर लोग आंध्र प्रदेश की जगन रेड्डी सरकार का विरोध कर रहे हैं। आरोप लग रहे हैं कि जगन रेड्डी चर्चों के मोटे पैसे के द्वारा संचालित हो रहे हैं इसलिए हिंदू आस्था और प्रतीक चिन्हों पर हमले लगातार बढ़ रहे हैं।

कुछ दिन पहले आंध्र प्रदेश में श्री लक्ष्मी नरसिम्हा मंदिर के रथ को जलाकर खाक कर दिया गया । पुरातन काल से मौजूद इस रथ को जलाए जाने के बाद जगन रेड्डी सरकार ने बयानों की लीपापोती की मगर अब तक इस मामले में समुचित कार्रवाई नहीं की गई है

इसके बाद प्राचीन मंदिर काशी विश्वेशर में शिव सेवक नंदी देव की मूर्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया। इसके बाद नेता विपक्ष चंद्रबाबू नायडू ने भी जगन रेड्डी सरकार की आलोचना की।

 
इससे पहले फरवरी में नेल्लोर जिले के वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के 50 फीट लंबे प्राचीन रथ को अज्ञात लोगों ने जला दिया था। यह भी एक प्राचीन रथ था जिसका इस्तेमाल अनेक त्योहारों में देवी देवताओं को यात्रा कराने के लिए किया जाता था।

कुछ अज्ञात उपद्रवियों ने इस साल जनवरी में आंध्र प्रदेश के पीथापुरम शहर में कई हिंदू भगवान और देवी मूर्तियों के फ्लेक्स बैनर को उजाड़ दिया था। दुर्गा माता की सीमेंट की मूर्तियों को तोड़ने के लिए हथौड़े का इस्तेमाल किया गया था और सड़क किनारे खुले स्थान पर स्थापित हिंदू भगवान के बैनरों को नष्ट कर दिया गया था।
जाहिर है जगन रेड्डी सरकार जिस तरह से हिंदू मंदिरों पर हो रहे हमलों के मुद्दे पर आंख मूंदकर बैठी है ऐसे में सरकारी रवैये पर लगातार सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं क्योंकि यही सरकार चर्च पर पत्थर पड़ने पर पूरे प्रशासन को लेकर जाग उठती है तो वहीं दूसरी तरफ जलते हुए रथों और टूटती हुई मूर्तियों पर गहरी निद्रा में सोई हुई है।

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