कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया(PFI) पर एक के बाद एक हो रही कार्रवाई को देखकर ये समझना मुश्किल नहीं है कि केंद्र सरकार इस चरमपंथी संगठन का खात्मा जल्द से जल्द करने के मूड में है. मानो केंद्र सरकार ने ठान लिया है कि “जब तक तोड़ेंगे नहीं तब तक छोड़ेंगे नहीं” .

इसी कड़ी में द‍िल्‍ली पुल‍िस के शाहीन बाग पुलिस स्टेशन में प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन PFI के खि‍लाफ मामला दर्ज क‍िया गया है। पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत यह मामला दर्ज करते हुए PFI की तीन प्रापर्टी भी सील कर दी हैं। पुलिस का दावा है कि इन तीनों दफ्तरों में पीएफआई से जुड़े लोग संदिग्ध और खतरनाक गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे।

पुलिस ने पीएफआई के तीन दफ्तरों (जैद अपार्टमेंट के ग्राउंड फ्लोर, अबू फजल एन्क्लेव जामिया नगर में हिलाल हाउस के ग्राउंड फ्लोर और टिहरी मंजिल जामिया) को यूएपीए की धारा 8 के तहत सील कर दिया है। बीते दिनों दर्ज की गई प्राथमिकी के अनुसार, पीएफआई ने इन दफ्तरों से संदिग्ध गतिविधियों को अंजाम दिया था। पुलिस ने यह कार्रवाई इन दफ्तरों की तलाशी के बाद की है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ऑल इंडिया उलेमा काउंसिल के अध्यक्ष और एसडीपीआई के सक्रिय सदस्य मो. अहमद बेग नदवी ने पुलिस रिमांड के दूसरे दिन पूछताछ में यह बात कबूल की है कि पीएफआई से लड़कों को जोड़ने के लिए उसके सदस्य कई तरह की आधुनिक सुविधाएं देते थे। ट्रेनिंग के दौरान और बाद में घूमने-फिरने का इंतजाम करते थे। ताकि दूसरे लड़के भी तेजी से PFI के साथ जुड़ें। ट्रेनिंग के लिए दूसरे जिलों के ट्रेनिंग सेंटर पर भी भेजा जाता था। वहां लग्जरी सुविधाएं दी जाती थीं। प्रशिक्षण ले रहे युवकों से अपने दोस्तों के सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सुविधाओं के फोटो भेजने के निर्देश भी रहते थे। रिपोर्ट के मुताबिक नदवी से आईबी के अधिकारियों ने चार घंटे तक पूछताछ की। पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष वसीम से उसके करीबी रिश्ते हैं। दोनों मिलकर यूपी में बड़ा नेटवर्क तैयार कर रहे थे।

इस खुलासे के बाद ही अहमद बेग को मदेयगंज पुलिस ने रिमांड पर लिया था। रविवार को एसीपी, आईबी के अफसरों ने अहमद बेग से उसके नेटवर्क के बारे में कई सवाल किये। अहमद बेग ने कुबूला कि उसके उन्मादी भाषण भी यू-टयूब के जरिये ट्रेनिंग ले रहे युवकों को सुनाए जाते थे। इससे ब्रेनवॉश की कोशिश की जाती थी। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, पीएफआई के सक्रिय सदस्य उलेमा काउंसिल की मदद से धार्मिक उन्माद फैलाने वाले वीडियो तैयार करते थे। लोगों तक संदेश आसानी से पहुंचे, इसके लिए हर गांव और मोहल्लों में कई ग्रुप बना रखे थे। ऐसे ज्यादातर ग्रुप एडमिन ही संचालित करता था। इन ग्रुपों में ज्यादातर अहमद बेग नदवी के भड़काऊ वीडियो ही वायरल किए गए थे।

आतंकवादी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया को भारत सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया है। बैन करने से पहले सुरक्षा एजेंसियों ने लगातार इस संगठन के ऊपर छापेमारी की। आतंकवादी संगठन से जुड़े लोगों को गिरफ्तार किया गया। देश के सभी हिस्सों में जांच एजेंसियों ने एक साथ छापेमारी की। इसे ऑपरेशन ऑक्टोपस का नाम दिया गया था.

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