कुछ बातें जो हमेशा याद रखना

– 20 हिन्दुओ की हत्या करने वाले फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे ने सबसे पहले जिसकी हत्या की वह सतीश उसका ही दोस्त था

– बालकृष्ण गंजू जो कि टेलीकॉम इंजीनियर थे जिन्हे 19 मार्च 1990 को चावल के ड्रम में छिपने पर गोलियों से भून दिया गया और फिर उनके खून से सने चावल उनकी पत्नी को खिलाए गए थे, उनका पता बताने वाला पड़ोसी एक ईमान वाला मजहबी ही था

– तहसीलदार जगन्नाथ पंडित और उनकी पत्नी की हत्या कर उन्ही के खेत मे दोनों के शव कंटीले तारों से लटका दिए गए और धमकी दी गयी कि किसी ने अगर उनके शव उतारे तो उसका भी यही अंजाम होगा और तीन दिन तक वह शव वैसे ही लटकते रहे और आखिर में उनका अंतिम संस्कार दूसरे गांव ले जाकर करना पड़ा, उस पूरे कांड में उनका ईमान वाला मजहबी नौकर शामिल था जिसने धोखे से उन्हें घर के बाहर भेज आतंकियो के हवाले कर दिया

– जिसने गिरिजा टिक्कू को धोखे से बुलाकर अन्य मजहबी जिहादियो के हवाले कर दिया जिसके बाद बेरहमी से कई दिन तक उसका बलात्कार करने के पश्चात जिंदा ही आरे से चीर दिया गया, वह उसकी ईमान वाली सहेली ही थी

– हिन्दुओ की हत्या करने वाले पाकिस्तान से नहीं आये थे, वह उन्ही के दोस्त, पड़ोसी और नौकर थे

कुछ बातें जो हमेशा याद रखना

– 20 हिन्दुओ की हत्या करने वाले फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे ने सबसे पहले जिसकी हत्या की वह सतीश उसका ही दोस्त था

– बालकृष्ण गंजू जो कि टेलीकॉम इंजीनियर थे जिन्हे 19 मार्च 1990 को चावल के ड्रम में छिपने पर गोलियों से भून दिया गया और फिर उनके खून से सने चावल उनकी पत्नी को खिलाए गए थे, उनका पता बताने वाला पड़ोसी एक ईमान वाला मजहबी ही था

– तहसीलदार जगन्नाथ पंडित और उनकी पत्नी की हत्या कर उन्ही के खेत मे दोनों के शव कंटीले तारों से लटका दिए गए और धमकी दी गयी कि किसी ने अगर उनके शव उतारे तो उसका भी यही अंजाम होगा और तीन दिन तक वह शव वैसे ही लटकते रहे और आखिर में उनका अंतिम संस्कार दूसरे गांव ले जाकर करना पड़ा, उस पूरे कांड में उनका ईमान वाला मजहबी नौकर शामिल था जिसने धोखे से उन्हें घर के बाहर भेज आतंकियो के हवाले कर दिया

– जिसने गिरिजा टिक्कू को धोखे से बुलाकर अन्य मजहबी जिहादियो के हवाले कर दिया जिसके बाद बेरहमी से कई दिन तक उसका बलात्कार करने के पश्चात जिंदा ही आरे से चीर दिया गया, वह उसकी ईमान वाली सहेली ही थी

– हिन्दुओ की हत्या करने वाले पाकिस्तान से नहीं आये थे, वह उन्ही के दोस्त, पड़ोसी और नौकर थे

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