लेख प्रारंभ करने से पूर्व मैं आयुष जैन आप सभी से विनम्र आग्रह करता हूँ कि यदि आपके पास समय एवं धैर्य है तभी इस लेख को पढ़िए क्योंकि….
हो सकता है इस लेख को लिखते लिखते मेरे हाथ कांपने लगे, हो सकता है इस लेख को पढ़ते हुए आपको शब्द भारी लगने लगे या हो सकता है इस मूवी को जब आप पर्दे पर देखे तो आपकी आंखें नम होने लगे।
फूलों सी कोमल एवं नाजुक हमारी जिन बहिन बेटियों पर हम कभी हाथ भी नही उठा पाते ; उन्ही बहिन बेटियों को इन इस्लामिक नरपिशाचों ने किस प्रकार भेड़ियों की तरह नोंच नोंच कर मार डाला वो वास्तविकता इस मूवी में दिखाई गयी है और सबसे बड़ी विडम्बना की बात ये है कि हम सब अभी तक इस वास्तविकता से अनभिज्ञ थे, पूरी तरह अनजान थे।
मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रही उन तीन लड़कियों का का किस प्रकार से ब्रेनवाश किया गया, किस प्रकार उन्हें खुद के ही धर्म के खिलाफ कर दिया गया, किस प्रकार उन्हें उनके ही परिवार से दूर कर दिया गया और किस प्रकार उन्हें इस इस्लाम की गंदगी में धकेला गया वो सब इस मूवी के माध्यम से बताया गया है।
ये मूवी नही है बल्कि ये वास्तविकता है उस भयावह दर्द की जिसे आज तक भी उन 30000 लड़कियों के माता पिता महसूस कर रहे है जिनकी बेटियां कभी वापिस लौटकर नही आ सकी। जी हां, 30000 लड़कियां और ये सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार है, वास्तव में कितनी संख्या है इसका कोई अंदाजा नही है। उन 30000 लड़कियों में से अभी तक मात्र 261 लड़कियां ही जिंदा वापिस लौट पायी है।
आपको मेरी ये बात कड़वी लगे लेकिन सच्चाई ये ही है कि हिन्दू लड़कियों का ब्रेनवाश बहुत आसानी से किया जा सकता है। कोई सुंदर सा लड़का दिखा नही कि तुरंत उस लड़के की पूरी जानकारी निकाले बिना, माता पिता से अनुमति लिए बिना ; उस लड़के के साथ जीवन बिताने के लिए तैयार हो जाती है। जबकि हकीकत ये है कि वो लड़का जो कि अफजल, अब्दुल, अनीस होगा उसे आपसे कोई मतलब नही है, आप उसके लिए सिर्फ एक भोग की वस्तु है। जब उसका मिशन पूरा हो जाएगा तो वो आपको ब्लैकमेल करेगा, आपकी तस्वीरों और वीडियोज को वायरल करने की धमकी देगा, आपसे गलत और अनैतिक काम करने के लिए कहेगा और जब आप उसका विरोध करोगे तो आपका भी वही हश्र होगा जो कि गीतांजलि के साथ हुआ है। आपके पास सिर्फ दो विकल्प होंगे या तो आप उनके कहे अनुसार गलत काम करो या फिर खुदकुशी कर लो।
इसी प्रकार यदि आप शालिनी की तरह उनकी सारी बाते मानकर उनके साथ “निकाह” कर लेती है तो आप शालिनी से फ़ातिमा बन जाओगी, आपको अपने दोस्तों से नफरत होने लगेगी, आपको बच्चा पैदा करने की मशीन बना दिया जाएगा और अंत मे आपको स्लेव (वेश्या) या ह्यूमन बॉम्ब बनने पर मजबूर किया जाएगा।
सबसे दर्दनाक चीख उस लड़की की थी जिसका नाम था निमाह मैथ्यू। ये एक क्रिस्चियन परिवार से थी और इसका ब्रेनवाश वो लोग नही कर पाए क्योंकि इसे खुद के धर्म पर पूरा विश्वास था, लेकिन उन नरपिशाचों से इसे बेहोश कर इसके साथ इतनी बार गलत काम किया कि वो आज भी इस सदमे से नही उबर पायी है और एकांत जगह पर जिंदगी काट रही है।
ये तो सिर्फ 3 लड़कियों की हकीकत है जो आपको पर्दे पर देखने को मिल रही है, आप महसूस कीजिए उन 30000 लड़कियों की दर्दनाक चीखों को जो आप तक कभी पहुँच ही नही पायी। देश के एक राज्य में इतना सब कुछ हो गया फिर भी तथाकथित राजनीतिक दल और नेता इस पर मौन रहे तो उन सभी दलों और नेताओं को चुल्लू भर पानी मे डूबकर मर जाना चाहिए।
मुद्दे की बात ये है कि आतंकवाद का ये नया नेटवर्क जिसे आप लव ज़िहाद बोल सकते है वो आज पूरे भारत में सक्रिय हो रहा है, नए नए तरीकों से हिंदू लड़कियों को चंगुल में फंसाया जा रहा है और फिर उनका उपयोग आतंकी गतिविधियों में किया जा रहा है। ऐसे में हम सभी का कर्तव्य है कि इस मुद्दे को लेकर हमारी बहिन बेटियों में जागरूकता बढ़ाये, उन्हें इन अनजान और छुपे हुए खतरों के बारे में बताएं और सबसे मुख्य बात उन्हें स्वयं के महान सनातन धर्म के बारे में गहराई से जानकारी दे ताकि कोई भी आसिफा उनकी जिंदगी में आकर उनकी जिंदगी तबाह ना कर सके।
अंत मे आप सभी पाठकों का हृदय से धन्यवाद जो आपने इस लेख को पूरे धैर्य के साथ पढ़ा और आपसे निवेदन है कि सम्भव हो सके तो आपके आसपास जितनी भी बहिन बेटियां है उन्हें ये मूवी जरूर दिखाएं।
– आयुष जैन
DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.