पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में नारदा घोटाले का मामला एक बार फिर गर्माता जा रहा है. दरअसल नारदा मामले को लेकर टीएमसी नेताओं की गिरफ्तारी के बाद सियासी ड्रामा तेज हो गया है। पश्चिम बंगाल में टीएमसी की सरकार बनते ही नारदा स्टिंग टेप केस की जांच की फाइल फिर खुल गई है जिसके बाद ममता का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया है. इस घोटाले के आरोपी कैबिनेट मंत्री फिरहाद हकीम, कैबिनेट मंत्री सुब्रत मुखर्जी, टीएमसी विधायक मदन मित्रा और पूर्व बीजेपी नेता सोवन चटर्जी के घर पर सीबीआई ने छापेमारी की. इसके बाद इन चारों को सीबीआई दफ्तर लाया गया है. सीबीआई ने पूछताछ के बाद इन चारों नेताओं को गिरफ्तार कर लिया है.
‘खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे’ वाली कहावत TMC के नेताओं के लिए बिल्कुल सटीक बैठ रही है जी हां TMC सांसद कल्याण बनर्जी जिस तरह से शब्दों की मर्यादा भूल बैठे हैं वो प्रजातंत्र के लिए घातक हैं उन्होंने , “हम कोर्ट जा रहे हैं। आप जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने COVID-19 के दौरान जजमेंट दिया कि पुलिस किसी भी व्यक्ति को बेवजह हिरासत में नहीं ले सकती, गिरफ्तार नहीं कर सकती। उसके बावजूद, सीबीआई और पुलिस ने हमारे लोगों को गिरफ्तार किया है।” कल्याण बनर्जी ने कहा, “राज्यपाल ने राज्य सरकार के परामर्श के बिना प्रतिशोधी रूप से ऐसा किया है। राज्यपाल खून चूसने वाले बन गए हैं। वह अब बीजेपी से 2024 के चुनाव के लिए टिकट हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए वह टीएमसी के खिलाफ जो चाहें कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, “राज्यपाल सनकी हैं, खून चूसने वाले हैं। उन्हें यहां एक मिनट भी नहीं रुकना चाहिए। पागल कुत्ते की तरह इधर उधर घूम रहे हैं।”
राज्यपाल के खिलाफ TMC का ये गुस्सा सिर्फ इसी मुद्दे को लेकर नहीं है , जिस तरह से बंगाल में TMC की सरकार बनने के बाद से BJP कार्यकर्ता, और हिंदुओं पर अत्याचार किया गया है ,उससे राज्यपाल भी बेहद आहत हैं और उन्होंने ममता बनर्जी और TMC को आगाह किया है कि किसी भी हाल में अलोकतांत्रिक ढंग से सत्ता नहीं चलने देंगे.
क्या है नारदा स्टिंग टेप केस
पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले नारदा स्टिंग टेप सार्वजनिक किए गए थे. दावा किया गया था कि ये टेप साल 2014 में रिकॉर्ड किए गए थे और इसमें टीएमसी के मंत्री, सांसद और विधायक की तरह दिखने वाले व्यक्तियों को कथित रूप से एक काल्पनिक कंपनी के प्रतिनिधियों से कैश लेते दिखाया गया था. यह स्टिंग ऑपरेशन कथित तौर पर नारदा न्यूज पोर्टल के मैथ्यू सैमुअल ने किया था. कलकत्ता हाई कोर्ट ने मार्च, 2017 में स्टिंग ऑपरेशन की सीबीआई जांच का आदेश दिया था।
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