बाइडन द्वारा चुनाव में धांधली किए जाने के सबूतों वाले सर्वर को एक विशेष दस्ते ने की नष्ट करने की कोशिश : संघर्ष में 5 सैनिकों की मौत : रूस चीन और ईरान रच रहे हैं गहरी साजिश

क्या किसी ने अब तक गौर किया है कि अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव को हुए इतना समय बीतने के बावजूद भी अभी ये स्पष्ट नहीं हो सका है कि , असल में अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव जीता कौन और हारा कौन ?
असल में इसकी एक बहुत बड़ी वजह इस बार अमेरिकी राजनीतिक के इतिहास में हुई अब तक की सबसे बड़ी चुनाव घांधलेबाजी है। अमेरिका में आज भी मतदाता बैलेट पेपर से मतदान करते हैं और हास्यास्पद बात ये है कि भारत की तरह वहां अभी तक मतदाताओं के पास और न ही सरकार या संस्था के पास उन मतदाताओं के पहचान की ठोस जानकारी हेतु आधार कार्ड या मतदाता पहचान पत्र जैसा कोई कागजात नहीं होता है।
Remember, Biden allegedly won Wisconsin by 20,608 votes.
— Lawrence Sellin (@LawrenceSellin) November 25, 2020
Now there are 150,000 potentially fraudulent ballots in Wisconsin.
Trump won Wisconsin. Trump won the election.#StopTheSteaI #GASenrunoffs #Election #GaSen #Election2020results #Elections2020 #FightBack #MAGA #Trump2020 https://t.co/5SrJgem7jg
जैसा की ट्रम्प ने चुनाव से बहुत पहले ही अपने विरूद्ध की जा रही इस गहरी साजिश की भनक लगते ही ये बात सार्वजनिक कर दी थी कि इस बार उन्हें दोबारा सत्ता में वापस आने से रोकने के लिए विपक्षियों ने सारी हदें पार करते हुए ठीक उसी तरह दुश्मन देशों के सहयोग का मन बना लिया है जैसे भारत में कांग्रेस कभी पाकिस्तान तो कभी चीन की मदद से भाजपा सरकार को ख़त्म करने के प्रयासों में लगी रहती है।
इस पूरी घटना की जानकारी देते हुए अमेरकी जनरल थॉमस मैकेनरी ने ट्रम्प से तब तक अपना पद नहीं छोड़ने का सन्देश भेजा है जब तक कि सर्वर में सहेजे गए सारे साक्ष्यों को उनके हवाले नहीं किया जाए। जनरल ने बताया की कि अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों में से एक के ही विशेष दस्ते ने इस सारे षड्यंत्र को अंजाम देने के लिए अमरीकी जासूसी संस्था के जर्मनी फ्रैंकफर्ट में स्थित एक गुप्त और विशेष सर्वर केंद्र पर हमला बोल दिया। इसकी रक्षा करते हुए 5 अमेरिकी सैनिकों ने अपनी जान देकर उसे बचा लिया।
यदि ये आरोप साबित हो जाते हैं तो बाइडन राष्ट्रपति बनना तो दूर इन आरोपों में जेल भेजे जा सकते हैं। दिसंबर में जब राष्ट्रपति चुनावों में जीत हार का निर्णय करने वाला इलेक्ट्रोल बोर्ड अपना निर्णय सुनाएगा तब ही पता चलेगा कि आखिर अगला राष्ट्रपति कौन होगा।
The media tried to ignore it, here are clips from the hearing. https://t.co/NtIVK37eAF
— David J Harris Jr (@DavidJHarrisJr) November 26, 2020
प्रधानमंत्री मोदी के पक्के मित्र रहे ट्रम्प को भी उसी तरह से साजिश और विपक्षियों द्वारा रचे जा रहे षड्यंत्रों से लड़ना पड़ रहा है और यहां तो फिर भी एक रब्बिश टीवी चैनल देश के विरुद्ध जहर उगलता है वहां तो ऐसे दर्जन भर पत्रकारिता की संस्थाएँ हैं जो इस षड्यंत्र में विपक्षियों के साथ शामिल है।
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