” ले के रहेंगे आजादी , लेके रहेंगे आजादी ” ढोल मंजीरे और पोस्टर लेकर शाहीन बाग़ की बकरियों की आड़ में ,बुर्के और दाढ़ी के पीछे छुपे आतंकी उमर खालिद की सारी उमर अब जेल की सलाखों के पीछे बैठ कर आजादी लेने में ही निकलने वाली है |

आज अदालत ने उसे एक और मामले में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया | एक के बाद एक दिल्ली और देश को आतंक और दंगों की आग में झोंकने वाले ये और इसके तमाम मुगलिये अब जेलों में बैठ कर अपने अपने वालिद खालिद को जमानत के लिए भाग दौड़ करने की हिदायत देने में ही बिताने वाले हैं |

कागज़ नहीं दिखाएँगे वालों की तकदीर इनके कुकर्मों ने ऐसी फोड़ी और कानून ने इनकी ऐसे तोड़ी है कि अब इनके अगले कई साल सिर्फ और सिर्फ कागज़ दिखाने में ही निकल जाएंगे | कभी FIR के कागज़ ,कभी चार्जशीट के कागज़ ,तो कभी जमानत के कागज़ | और मजे की बात ये है कि हर बार इन्हें कागज़ों को दिखा दिखा कर कहना होगा , आई एम उमर खालिद एंड आई एम नॉट ए आतंकी , और अदालत कहेगी भक्क साला |

देश विरोधी ,सेना विरोधी ,सरकार और पुलिस विरोधी के कारण अपनी बची खुची साख भी डुबोने वाला जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में भारतीय सेना और राष्ट्र विरोधी नारे लगाने वाले , नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आड़ में पूरे देश को जलाने फूंकने वाले ये कट्टरपंथी मानसिकता वाले तमाम अब धीरे धीरे खुद ही शासन और पुलिस के गिरफ्त में आ गए हैं , जिसके बाद अदालत का काम शुरू होता है और इनकी कहानी खत्म |

यहाँ चलते चलते ये भी देखते जाइये कि दंगों और राष्ट्रद्रोह के कई आरोपों में जेल भेजा जा चुका ये व्यक्ति कैसे टीवी कार्यक्रमों में युवा नेता बनाया और बताया जा रहा है |

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