देश में कोरोना महामारी ने दूसरी बार अपने पांव पसारे हैं. केंद्र सरकार की तरफ से जहां कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए वैक्सीनेशन अभियान चलाया जा रहा है। वहीं कई जगहों पर वैक्सीन की बर्बादी भी हो रही है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जहां कई राज्य केंद्र से वैक्सीन की सप्लाई बढ़ाने की मांग कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ कई ऐसे राज्य भी हैं जिनको सप्लाई हुई कुल वैक्सीन का एक तिहाई से ज्यादा हिस्सा वे बर्बाद कर चुके हैं। पत्रिका की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान तो इस मामले में सबसे आगे था ही है। जहां कुल 11.5 लाख वैक्सीन के डोज खराब हो गए हैं। लेकिन अब वैक्सीन की बर्बादी करने वाले राज्यों में झारखंड और छत्तीसगढ़ का नाम भी शामिल हो गया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकडो़ं के अनुसार झारखंड को सप्लाई हुई कुल वैक्सीन का 37.3 फीसदी बर्बाद हुआ है वहीं छत्तीसगढ़ को सप्लाई की गई वैक्सीन का 30.2 फीसदी वैक्सीन की बर्बादी हुई है। छत्तीसगढ़ में अबतक लगभग 70 लाख लोगों को वैक्सीन दी गई है और झारखंड में 40 लाख से ज्यादा को टीका लग चुका है, जाहिर है अगर वहां वैक्सीन की बर्बादी नहीं हुई होती तो और ज्यादा लोगों को वैक्सीन की टीका लग सकता है।
वैक्सीन की बर्बादी पर पीएम मोदी कर चुके हैं आगाह
बता दें आपको कोरोना संक्रमण के कारण वैक्सीन की कमी के बीच इसकी बर्बादी को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों से कोविड -19 टीकों की कम से कम बर्बादी सुनिश्चित करने का आग्रह किया था। पीएम ने कहा था, “वैक्सीन की बर्बादी एक गंभीर मुद्दा है। एक भी खुराक बर्बाद करने का मतलब है किसी के जीवन को ढाल देने से वंचित कर देना।” उन्होने कहा था, “जब आप सभी को टीके दिए जाते हैं, तो हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह बर्बाद न हो। आप सभी को शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में इस पर नजर बनाकर रखना चाहिए।”
दरअसल केंद्र सरकार की तरफ चलाए जा रहे वैक्सीनेशन अभियान के खिलाफ पिछले कुछ महीनों से विपक्षी दल खास तौर से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ओछी राजतीनि करने से बाज नहीं आ रही है . एक तरफ जहां केंद्र सरकार ये सुनिश्चित करने में लगी हुई है सभी को टीके की खुराक मिले वहीं दूसरी तरफ देश में कुछ ऐसे विपक्षी दल हैं जो लोगों की जिंदगी के साथ खेल रहे हैं . और ऐसे समय में सरकार के साथ मिल कर काम करने के बजाए सरकार की कमियां गिना रहे हैं ।
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