ममता बनर्जी शासित बंगाल में कानून व्यवस्था किस हालत में है ये बताने की जरुरत नहीं है. जहां एक के बाद एक खास समुदाय की तरफ से कानून हाथ में लेने की बात मानो आम हो गई है. इस कड़ी में पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर में एक बड़ा ही शर्मनाक मामला सामने आया है. जहां स्कूल की एक छात्रा को उसकी टीचर ने जरा सी डांट क्या लगा दी कि इसके बाद तो वहां पढ़ने वाले दूसरे छात्रों के अभिभावकों की भीड़ ने उस महिला शिक्षक के साथ न सिर्फ बेरहमी से मारपीट की और बल्कि उनके कपड़े तक उतार दिए। सोचिए ये हालत उस बंगाल की है जहां की मुख्यमंत्री खुद एक महिला हैं. वहीं घटना के तीन दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस ने दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।
Kamal Kumar Jain, Head Master of school has filed a complaint to @WBPolice against Firdaus Mondal, Afruja Mondal, Jakir Hossen, Masuda Khatun & Masuda Khatun & demanded appropriate action against them. @ashoklahiribjp, local MLA, has also lodged a complaint to @SPSouthdinajpur pic.twitter.com/J9aI0ULj2v
— Prasun Maitra(প্রসূন মৈত্র) (@prasunmaitra) July 24, 2022
साभार-ट्वीटर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गुरुवार को जब नौवीं की छात्रा जरनातुन खातून क्लास करने की बजाय स्कूल के बरामदे में टहल रही थी तभी टीचर चैताली चाकी ने खातून का कान पकड़कर उसे डांट लगाया था। वहीं जरनातुन का आरोप है कि शिक्षिका ने उसकी पीठ पर तमाचा भी मारा। इस दौरान उसका हिजाब उसके सिर से नीचे फिसल गया था। जरनातुन ने घर पहुंच कर सारी बातें अपने माता-पिता को बताया। इसके बाद परिवार के सदस्य और इलाके के अन्य लोग स्कूल पहुंच गए। वे इस बात से नाराज थे कि टीचर ने छात्रा को इस तरह से मारा जिससे कि उसका हिजाब नीचे गिर गया।
इधर महिला टीचर के साथ हुई बदसलूकी की वजह से स्थानीय लोगों में गुस्सा देखने को मिला। लोगों ने सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया साथ ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस मामले में पीड़ित महिला टीचर ने कहा कि छात्रा को अनुशासन में रखने के लिए उसके कान खींचकर डांट दिया था। ऐसी घटना मेरे साथ पहले कभी नहीं हुई। मुझे अब डर लग रहा है।
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बीजेपी नेता सांसद सुकांत मजूमदार ने उस इलाके का दौरा किया जहां टीचर के साथ ये बदसलुकी हुई है. उन्होंने महिला टीचर के साथ अभद्रता और मारपीट करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है। मजूमदार ने कहा, ‘मैं भी एक शिक्षक था। कई छात्रों को डांटा भी है। एक शिक्षक के लिए, एक छात्र केवल उनका होता है। यहां शिक्षिका के कान पकड़ते ही हिजाब उतर जाता है। यही हुआ। इतनी मामूली बात से उसके परिवार सहित अन्य दो सौ लोगों ने स्कूल पर अटैक कर दिया। मुझे आश्चर्य है कि स्कूल के प्रिंसिपल ने रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई और पुलिस का मामला दर्ज करने की हिम्मत नहीं हुई। जब लोगों ने विरोध किया और सड़क जाम कर दी, तब जाकर पुलिस एक्टिव हुई।’ वहीं हर तरफ से दबाव बढ़ता देख प्रिंसिपल खुद शिक्षक चैताली चाकी के साथ थाने गए। शिकायत में फिरदौस मंडल, अफरूजा मंडल, जाकिर हुसैन, मसूद खातून और मफूजा खातून समेत कई लोगों को नामजद किया गया है।
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