उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी संक्रमण के मामले धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं, प्रदेश में कोरोना की रफ्तार पर ब्रेक लगाने के लिए सीएम योगी ने कई कठोर नियम बनाए , जिसके बाद उनकी मेहनत रंग ला रही है , जी हां प्रदेश में बीते दस दिन में करीब एक लाख एक्टिव केस कम हो गए हैं। सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार के इस प्रयास को विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि WHO ने भी काफी सराहा है. उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार दस दिनों में उत्तर प्रदेश में कुल एक्टिव केस 94 हजार घट गए हैं। प्रदेश में 30 अप्रैल को कोरोना वायरस की सेकेंड स्ट्रेन अपने चरम पर थी। 30 अप्रैल को प्रदेश में करीब तीन लाख दस हजार एक्टिव केस थे। अब यह घटकर करीब दो लाख 16 हजार हैं।
WHO ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के 3 T यानि ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट के फार्मूला पर काम करने के प्रयास को काफी सराहा है। WHO का मानना है कि भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने गांव में भी जाकर घर-घर लोगों का टेस्ट किया है। संदिग्ध लोगों को आगाह किया गया है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में संक्रमितों को होम आइसोलेट किया और उनको दवा भी मुहैया कराय़ी गई जिससे काफी हद तक सुधार हुआ. उत्तर प्रदेश सरकार का संक्रमितों को तेजी से अलग करने, उनको इलाज देने और इनके सम्पर्क में आने वालों की खोज कर उनको भी आगाह करने का तरीका बेहद सराहा जा रहा है।
यूपी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना मरीजों की पहचान के लिए पूरे राज्य में कुल 141610 टीमों का गठन किया है और राज्य स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 21242 सुपरवाइजर नियुक्त किए हैं जिससे सभी ग्रामीण इलाकों को कवर किया जा सके और कोरोना मरीजों की पहचान हो सके। जब इस अभियान की शुरुआत हुई थी तो पहले दिन WHO की टीम ने 2000 टीमों को मॉनिटर किया था और 10 हजार से ज्यादा घरों का दौरा किया था। इस पूरी प्रक्रिया में WHO भी उत्तर प्रदेश सरकार की सहायता कर रहा है, WHO की तरफ से टीमों को ट्रेनिंग, माइक्रो प्लानिंग, रियल टाइम मॉनिटरिंग और रिपोर्टिंग में सहायता दी जा रही है।
देखा जाए तो जनसंख्या के लिहाज से देश का सबसे बड़ा प्रदेश होने की वजह से उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा समझा जाता है। योगी सरकार की जितनी प्रशंसा की जाए वो कम है क्योंकि जिस तरह से खुद कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद सीएम योगी 18-18 घंटे काम कर रहे थे, पूरे सूबे पर नजर बनाए हुए थे वो वाकई काबिले तारीफ है।
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