बीजेपी की प्रवक्ता रहीं नुपूर शर्मा के एक टीवी डिबेट में पैगम्बर मोहम्मद को लेकर दिये गये बयान पर घमासान मचा हुआ है. मौका देख अरब देश भी इस मामले में कूद पड़े हैं. एक के बाद एक इस्लामिक देशों ने नूपुर शर्मा के कथित बयान पर भारत के राजदूतों को बुलावा भेज अपना विरोध दर्ज कराया है . ओमान, कतर और कुवैत के साथ ही कई इस्लामिक देशों ने नूपुर शर्मा के पैगंबर मुहम्मद पर कथित विवादास्पद बयान पर विरोध जताया है और भारत का ‘आर्थिक बहिष्कार’ करने की धमकी भी दी है.

इस सबके बीच जो देश आज भारत को लेकर गलत बयानबाजी कर रहे हैं. नसीहत दे रहे हैं, भारत के राजदूतों को तलब कर उनसे सवाल किये जा रहे हैं क्या वो कोई कम आपत्तिजनक नहीं है.? कतर के विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक नोट जारी कर मांग की है कि भारत को इस मुद्दे पर दुनियाभर के मुसलमानों से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए. लेकिन थोड़ा पीछे जाएंगे तो आपको पता चलेगा कि इन्हीं अरब देशों में से एक कतर ने हिंदु देवी-देवताओं की नग्न और अपमानजनक पेंटिग बनाने वाले चित्रकार मकबूल फिदा हुसैन को सम्मान से नवाजा था. विडंबना देखिए जिसने 100 करोड़ से ज्यादा हिंदुओं की आस्था पर चोट पहुंचायी उसे कतर ने अपने देश की नागरिकता दी. वही देश आज पैगंबर मोहम्मद को लेकर विवादित बयान पर भारत से माफी मांगने का बात कर रहा है .

जिस एम एफ हुसैन को भारत ने सम्मान दिया उसी देश से संबंधित विवादित पेंटिंग्स बनाकर भारत को सबसे ज्यादा ठेस पहुंचाने की कोशिश की, जिस भारत देश ने उनपर इतने उपकार किए उसे हुसैन ने अपनी चित्रकारी से देश को अपमानित करने का काम किया। दरअसल 90 के दशक से ही हुसैन के खिलाफ विरोध के स्वर सामने आने लगे थे. फरवरी 2006 में, हुसैन पर हिंदू देवी-देवताओं के नग्न पेटिंग बनाकर हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगा था । अपनी एक पेटिंग में उन्होंने माता सीता को नग्न अवस्था में रावण की जंघा पर बैठे दिखाया तो दूसरे चित्र में माता सरस्वती को नग्न अवस्था में वीणा बजाते हुए दिखाया । इसके अलावा ‘आर्ट फॉर मिशन कश्मीर’ शीर्षक नाम से एक विज्ञापन में एक नग्न महिला के रूप में इन्होंने भारत माता का चित्र बनाया और उसके शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर भारत के राज्यों के नाम उकेर दिए. ।

MF Husain की ऐसी ना जाने कितनी ही चित्रकारी है, जिसमें राष्ट्र और हिंदु धर्म का अपमान किया गया है। एम.एफ हुसैन ने कभी भी इस्लाम धर्म से संबंधित धार्मिक चित्रकारी नहीं की। क्योंकि वो जानते थे कि इस्लाम में ऐसा करना हराम है . भारत की नागरिकता छोड़ने के बाद 2010 में हुसैन के सामने कतर ने नागरिकता का प्रस्ताव रखा जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया और उसके बाद MF Husain  ने अरब को बड़े ही सम्मान के साथ कैनवास पर उकेरा। जिस कपटी पेंटर ने हिंदू देवी देवताओं का अपमान किया उसे अरब देशों ने बड़े ही सम्मान के साथ सिर आंखों पर बिठाया और दूसरी तरफ पैगंबर मोहम्मद प्रकरण के लेकर भारत पर यही देश उंगली उठा रहे हैं और भारत के इस्लामिक देशों से माफी मांगने के लिए बोल रहे हैं . आज कतर समेत सभी अरब देशों को अपने गिरेबां में झांकने की जरुरत है कि धार्मिक सहिष्णुता के मसले पर वे कितने सहिष्णु हैं. आज इस्लामिक देश भारत को जिस तरह से डराने-धमकाने का काम कर रहा है वो बेहद ही निंदनीय है…

 

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