यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तराखंड दौरे पर अपनी मां से मिले और अचानक देश के सबसे बड़े प्रदेश के मुख्यमंत्री से मां के बेटे में तब्दील हो गए। योगी आदित्यनाथ ने जिस भाव से अपनी मां से मुलाकात की ,उन भावों ने बता दिया कि योगी आदित्यनाथ के सीने में मोम की तरह भावुक ह्रदय भी धड़कता है जो उन्हें वैश्विक मनुष्य बनाता है।

 

महाराज जी के चेहरे के भाव सब कुछ कह रहे हैं,,, मानो धर्मपथ पर चलते सन्यासी को बरसों बाद कोई पगडंडी अनायास ही उसके गांव ले आयी हो…कुछ पल को वो पुनः सांसारिक जीवन को स्पर्श कर गया हो,,,,माँ के आंचल की छांव में बचपन पुर्नजीवित हो उठा हो,,,परंतु अफसोस पिता का साया अब नहीं रहा…राजा व संत के कर्तव्यों के भार से तनिक देर स्वतंत्र होकर एक पुत्र के रूप में कुछ पल जी लेने का अनुभव एक उम्र जीने के समान है
ऐसा यशस्वी पराक्रमी राजा जनने के लिए पूज्नीय माताजी को सादर नमन व वंदन
‘हजारों बरस नरगिस अपनी बेनूरी पर रोती है..
तब जाकर होता है चमन में कोई दीदावर पैदा’

योगी जी को गरीबी में गुजरे अपने उस गांव की चौखट पर देखकर पूरा गांव भावुक हुआ और खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी मां की आंचल को देखकर भावुक हो गए और फिर यह मौका हो भी क्यों ना ?? आखिर इसी मिट्टी ने देश को एक ऐसा यशस्वी मुख्यमंत्री दिया है जो सनातन की राह पर बुलंदी के साथ आगे बढ़ रहा है।

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.