उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने मदरसों के बाद अब वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का भी सर्वे करवाने का आदेश जारी किया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री ने राजस्व विभाग के वर्ष 1989 के शासनादेश को निरस्त करते हुए एक महीने के भीतर सर्वे पूरा करवाने और रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. उन्होंने ये भी निर्देश दिए हैं कि प्रदेश भर के 75 जिलों में जितनी भी जमीनें हैं उन्हें वक्फ के नाम से अभिलेखों में दर्ज कराया जाए.
जाहिर है यह आदेश तब आया जब यूपी वक्फ बोर्ड ने एक अजीबोगरीब दावा ठोक दिया। वक्फ अधिनियम 1995 की आड़ में सबकुछ अपना ही है वाली सोच के साथ यूपी वक्फ बोर्ड का दावा है कि प्रयागराज स्थित शहीद चंद्रशेखर आजाद को समर्पित पार्क, उनकी संपत्ति है और यहां मस्जिद और मजार की जगह है. जिसके बाद ही योगी सरकार ने त्वरित आदेश जारी किया और अवैध मदरसों के सर्वेक्षण की तर्ज़ पर ही वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के सर्वे का भी निर्णय हाथों-हाथ लिया।
ये बड़ी विडंबना है कि एक अधिनियम की वजह से कुछ लोग किसी भी जगह पर ऐसे दावा ठोक रहे हैं जैसे सब इन्हीं की बपौती है. यह तब है जब शहीद चंद्रशेखर आजाद को समर्पित स्थान जहां पूर्व में अवैध कब्ज़ों और मज़ारों को पहले भी हटाया गया है, बावजूद इसके दावा ठोकने वाले ने उतने अवैध कब्ज़ों पर ही नहीं बल्कि पूरे पार्क पर ही दावा ठोक दिया है.
ऐसी स्थिति में योगी सरकार ने बिना देर किये तमाम बेबुनियाद दावों से मुक्ति पाने के लिए सर्वे का रास्ता निकाला है, और अब जब सर्वे शुरू होगा तो वक्फ को अपनी एक-एक संपत्ति का पूरा हिसाब देना पड़ेगा.
देश भर में वक्फ बोर्ड के पास भारतीय सेना और रेलवे के बाद सबसे ज्यादा भूमि है। वक्फ बोर्ड को देश का तीसरा सबसे बड़ा भूमि मालिक बताया जा रहा है। वक्फ मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया के मुताबिक, देश के सभी वक्फ बोर्डों के पास कुल मिलाकर 8 लाख 54 हजार 509 संपत्तियां हैं, जो 8 लाख एकड़ से ज्यादा भूमि में फैली हुई हैं।
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