19 मार्च 2017 को जब योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो उनके सामने जो उत्तर प्रदेश था उसकी छवि एक पिछड़े राज्य की थी, एक ऐसा राज्य जो जातियों में बंटा हुआ था, एक ऐसा राज्य जहां अपराधियों का बोलबाला था, एक ऐसा राज्य को विकास पथ पर चलने को बेचैन था किंतु भाई भतीजावाद और जातिवाद की राजनैतिक बेड़ियां उसे जकड़े हुए थीं, विकास कुछ विशेष क्षेत्रों तक सीमित था, जहां एक ओर श्रीराम की नगरी अयोध्या उपेक्षित थी, मंदिर आंदोलन का रक्तरंजित इतिहास न्याय मांग रहा था वहीं दूसरी ओर सैफई की चमक धमक और विलासिता उत्तर प्रदेश वासियों को मुँह चिढ़ा रही थी, किसान लाइनों में लगे गन्ना व अन्य फसलों को बेचने के लिए आढ़तियों पर आश्रित थे और व्यापारी निरंतर अपहरण और फिरौती से परेशान और भयभीत थे। 5 साल मायावती का तुष्टिकरण और 5 साल मुलायम एंड फैमिली का तुष्टिकरण बस यही कहानी थी उत्तर प्रदेश की, मोदी जी के आने के बाद भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व में जनता ने अपार उत्साह दिखाया और देश मे अच्छे दिन 2014 में आ गए, विधानसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश की जनता ने राज्य की कमान योगी आदित्यनाथ के हाथों में सभी जातियों की राजनीति को दरकिनार करते हुए थमा दी।

उत्तर प्रदेश उस दिन से विकास पथ पर जो अग्रसर हुआ तो आज एक मिसाल बन चुका है, चाहे अपराध से लड़ने की प्रतिबद्धता हो,चाहे केंद्र की योजनाओं को लागू करना हो, चाहे कोरोना जैसी महामारी से लड़ने का संकल्प हो, चाहे नया किसान बिल हो या अयोध्या में मंदिर का शिलान्यास हो, योगी जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सर्वोत्तम राज्य सिद्ध हुआ है, अपराध पर जिस प्रकार नकेल कसी गई है वो एक उदाहरण बन चुका है, सर्वजन समभाव को केंद्र में रखकर इस देश मे गुजरात मॉडल को कड़ी टक्कर देने वाला राज्य बन चुका है उत्तर प्रदेश, आधुनिक और पक्की सड़कों का निर्माण निर्बाध रूप से जारी है, आज किसान अपनी फसल को अच्छे दामों पर बेच रहे हैं। भगवान श्रीराम के मंदिर का हमारा सपना 500 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद योगी जी के नेतृत्व में पूरा होने को है।

कोरोना से युद्ध

एक ओर देश कोरोना संकट से जूझ रहा था दूसरी ओर उत्तर प्रदेश से सटे दिल्ली की सरकार ने जब कोरोना संक्रमण के आगे हथियार डाल दिये और उत्तर प्रदेश और बिहार के नागरिकों को बॉर्डर पर फेंक दिया ऐसे विकट समय मे योगी जी उन असहाय लोगों के लिए देवदूत बनकर आये, उन्होंने न केवल उनकी जांच की बल्कि जगह जगह क्वारंटाइन की व्यवस्था करके सुनिश्चित किया कि ये ठुकराए लोग उचित इलाज करवा सकें और कोरोना को आगे बढ़ने से रोका जा सके, पूरे भारत मे कोरोना से लड़ने में उत्तर प्रदेश अग्रणी रहा बावजूद इसके की वहां कोरोना फैलाने की भरपूर साज़िश दिल्ली की आम आदमी पार्टी की गैरजिम्मेदाराना सरकार ने की।

उत्तर प्रदेश की जनता दिल्ली के मुख्यमंत्री का विश्वासघात भूली नही है, ये जनता समय आने पर न केवल दिल्ली में बल्कि उत्तर प्रदेश में राजनैतिक भूमि तलाश कर रहे इन अवसरवादी गिद्धों को वैसा ही जवाब देगी जैसा भाई भतीजावाद और जातिवाद की राजनीति करने वालों को उचित जवाब और सबक देगी।

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