बड़े बुजुर्ग सही कहते हैं – जो भी बोलें, सोच समझकर बोलें। शायद ये बात पूर्व क्रिकेटर और अभिनेता योगराज सिंह ने कभी समझी ही नहीं, और फलस्वरूप अब उन्हें अपने बड़बोलेपन के लिए उनके आगामी फिल्म प्रोजेक्ट्स से भी हाथ धोना पड़ रहा है।

हाल ही में पंजाबी आढ़तियों द्वारा संचालित ‘किसान आंदोलन’ के दौरान योगराज सिंह ने पीएम मोदी और अमित शाह को नीचा दिखाने के नाम पर न केवल गुजराती समुदाय को अपमानित किया, बल्कि हिन्दू महिलाओं को भी बुरा भला बोला। जनाब तो यहाँ तक कह दिए कि ‘हिन्दू महिलायें टके के भाव बिकती थी।’

इस ओछी बयानबाजी से काफी लोग आक्रोशित हुए, और उन्होंने केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ाकर योगराज सिंह के विरुद्ध कार्रवाई करने को कहा। इसी बीच चर्चित फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने एक अहम निर्णय में अपनी आगामी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ से योगराज सिंह को इन्हीं कारणों से निष्कासित भी किया।

फिलहाल के लिए उनकी जगह इस फिल्म में प्रख्यात अभिनेता पुनीत इस्सर ने ली है, और इस फिल्म में अनुपम खेर भी प्रमुख भूमिका में है।

विवेक अग्निहोत्री ने इस निर्णय के बारे में प्रेस से बातचीत करते हुए कहा, “हाँ, मैंने उन्हें द कश्मीर फाइल्स में एक बेहद अहम रोल के लिए चुना था। मुझे पता था कि उनकी काफी लंबी हिस्ट्री रही है विवादित बयानों को लेके, परंतु मैंने उनकी बातों को नजरअंदाज किया, क्योंकि मैं कला और कलाकार में विशेष अंतर नहीं रखता। हालांकि जब मैंने ये बयान सुना, तो मैं दंग रह गया, और मैं महिलाओं के बारे में ऐसी ओछी बातें नहीं सुनना चाहता”।

भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की रहस्यमयी मृत्यु पर आधारित ‘द ताशकंद फाइल्स’ की अप्रत्याशित सफलता के पश्चात विवेक अग्निहोत्री ने कश्मीर में हुए गैर मुसलमानों के नरसंहार, विशेषकर कश्मीरी हिंदुओं के साथ हुए अत्याचारों पर प्रकाश डालते हुए द कश्मीर फाइल्स बनाने की घोषणा की।

इस फिल्म में 1980 से 2000 के उन वर्षों पर भी प्रकाश डाला जाएगा, जब कश्मीर में हिंसा अपने चरम पर थी, और गैर मुसलमानों पर कश्मीर में बेहिसाब अत्याचार ढाए गए थे।

विवेक अग्निहोत्री ने अपने बयान में आगे ये भी कहा, “ये बात किसी हिन्दू या मुसलमान की नहीं है। ये उनके ओछे बयान के बारे में है, जो किसी भी स्त्री के लिए अपमानजनक है। वे एक बेहद बेहूदा और विभाजनकारी नैरेटिव तैयार कर रहे हैं। मेरी फिल्म कश्मीर में अल्पसंख्यकों पर हुए अत्याचारों के बारे में है, और मैं ऐसे किसी व्यक्ति को नहीं ले सकता, जो समाज को धर्म के नाम पर बांटने में लगा हुआ हो। इसीलिए उन्हें मैंने एक पत्र लिखते हुए कहा है कि वे अब मेरी फिल्म का हिस्सा नहीं है। मैं नहीं जानता कि उन्होंने मेरा पत्र पढ़ा है या नहीं, और मुझे ये भी फरक नहीं पड़ता कि वे क्या जवाब देंगे।”

योगराज सिंह ने निस्संदेह हिंदुओं के विरुद्ध ओछी बयानबाजी कर, वैमनस्य फैलाने की कोशिश की थी । ऐसे में योगराज सिंह जैसे विषैले व्यक्ति को इस मूवी से हटाकर विवेक अग्निहोत्री ने न सिर्फ एक सराहनीय काम किया है बल्कि बॉलीवुड के उन निर्देशकों के लिए एक मिसाल भी पेश की है, जो कई बार अभिनेताओं द्वारा ओछे बयान देने के बावजूद उन्हें विभिन्न विवशताओं के कारण प्रोजेक्ट में बनाए रखते हैं।

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