बात उस दिन की है जब गौरव अमेरिका से अपनी पढ़ाई के दौरान कुछ दिन के लिए वापिस घर भारत आया था। अमेरिका की चकाचौंध की बाते सुनाने के बाद उसने बताया की वहाँ बुलिंग की समस्या है। यह बुलिंग क्या है भाई?
भारत के कॉलेजो मे पहले वर्ष रैगिंग तो होती है, हमने यह बुलिंग नहीं सुना। और तुम तो अब चौथे वर्ष में हो।
गौरव ने बताया कि बुलिंग एक अपने तरह की रैगिंग है। बुलिंग शारीरिक, मानसिक, आपके धर्म से सबंधित भी होती है। और ये चौथे वर्ष में भी हो सकती है।
मेरी समस्या यह है कि वो मुझे भारत का धार्मिक राजदूत मानते है। कोई भी प्रश्न हो हिन्दू धर्म का मुझे ही उत्तर देना है। और यदि मैं उत्तर ना दे पाऊँ तो मेरी किरकरी। धर्म का परिहास। दु:ख तो होता ही है।
क्या प्रश्न है उनका?
होऊ डू गणेशा राइड माऊस?
गणपती गणेश चूहे की सवारी कैसे करते हैं?
और फिर हा हा हा।
इसको समझाना तो आसान है।
उन्हे कहिए कि सही उत्तर के लिए प्रश्न का सही होना अति अवश्यक है।
यह कहना ‘होऊ डू गणेशा राइड माऊस?’ यह प्रश्न ही गलत है।
गणेष डज नाट राइड (Ride) माऊस। गणेश इज मौंटिड (Mounted) ऑन माऊस।
गणेश जी को चूहे पर सवार दिखाया गया है।
इट इज सिम्बालिक (Symbolic), ठीक उस तरह जैसे एक व्यक्ति जो हमेशा जल्दी मे रहता है उसे घोड़े पे सवार कहा जाता है या दिखाया जाता है चाहे उसने जीवन भर कभी घोड़ा देखा ना हो।
यहाँ चूहा सिम्बालिक है तीक्ष्ण बुद्धि का।
चूहा किसी भी वस्तु को बहुत बारीकी से काट सकता है। यह तीक्षण बुद्धि का संकेत है। तीक्ष्ण बुद्धि को इंगित करता है।
यह बताने के लिए कि गणेश जी की बुद्धि बहुत तीक्षण है, यही बताने के लिए उन्हें चूहे पर सवार दिखाया गया है।
अब दो विकल्प हैं, या तो गणेश जी के पास यह लिखा जाए कि उनकी बुद्धि अति तीक्ष्ण है या उन्हें चूहे पे सवार दिखा दिया जाए।
अब वो तो अंग्रेज हैं। उन्हें तो पता होगा ‘ए पिक्चर इज वर्थ 1000 वर्डस’।
यही हमारे पूर्वजों ने किया। विज्वालायीजेशन इंडस्ट्री (Visualization Industry) की आज सब बात करते हैं। हिन्दू पूर्व काल से इस का प्रयोग करते आ रहे हैं।
अपने साथियों से कहना कि हिन्दू संस्कृति मे यह सवार की परंपरा दूसरे देवताओं के साथ भी देखी जा सकती है ।
हमारे यहाँ दुर्गा माता शेर पर सवार दिखाई गई हैं।
अर्थात दुर्गा माता अपने दुश्मनों को शेर की तरह मार देती हैं।
चलिए आपको भगवान शिव का भी बता दें।
भगवान शिव हमेशा नंदी बैल पर सवार दिखाए गए हैं।
कारण?
भगवान शिव का स्वभाव शांत, सरल, ग़म्भीर है, लेकिन यदि क्रोध आ जाए तो विध्वंस, सर्वंनाश ही होगा। मतलब, पंगा नहीं लेना।
उन्हें कहिएगा कि यह सच है की मैं भरतीय हूँ। लेकिन इस का यह अर्थ नहीं कि मैं हिन्दू धर्म का इन्साइक्लोपीडीआ (Encyclopedia) हूँ। जो आए बताओ। बाकी पढ कर या पूछ कर बताया जा सकता है।
उन्हें उनके प्रश्न एवं रुचि के लिए धन्यवाद कहें ।
अब देखिए उन्होंने गणपती गणेश जी के लिए पूछा और हमने गणेश जी, दुर्गा जी एव शिव भगवान के बारे मे भी बता दिया।
गलत प्रश्न को पहले सही प्रश्न मे बदल कर, सही उत्तर दिया जा सकता है।
इट इज ए ग्रेट टिप टू आन्सर एनी क्वेशचन। थेन्कयू, बाबा।
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