सुप्रीम कोर्ट ने कश्मीरी हिंदुओं (पंडितों) से कहा था तुम इतने साल कहां थे?
अब इंसाफ नहीं मिल सकता बहुत देर हो चुकी है,
सबूत नहीं मिल सकते?
सैकड़ों हजारों हत्याओं से धरती लहूलुहान हो गई
हजारों हिंदू बहनों की इज्जत लुट गई हजारों हिंदू बहनों की मांग उजड़ गई.
धरती त्राहिमाम कर रही थी.
हमें तो इतना सदमा लगा हमें आज तक होश नहीं आ पाया…..
हजूर हम पर तो जुल्म हो रहा था
लाखों हिंदुओं पर हुआ अत्याचार तुम्हें दिखाई क्यों नहीं दिया?
हजारों बेटियों की इज्जत लूटी तुम क्या कर रहे थे?
हमारी चीख-पुकार तुम्हें क्यों नहीं सुनाई दी ?
लाखों हिंदुओं की आवाज तुम्हारे कानों में क्यों नहीं पड़ी?
पर सुप्रीम कोर्ट तुम्हें क्या हो गया था?
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