पिछले कई वर्षों से एक बात देखी गई है कि मूवी , विज्ञापन, बॉलीवुड और कुछ मीडिया द्वारा बहुत ही चतुराई से हिन्दू धर्म का उपहास बनाया जाता है।
ऐसा क्यों होता है क्या आपने कभी सोचा है?
हिन्दू मुस्लिम भाईचारा के नाम पर तरह तरह के विज्ञापन बनाए जाते हैं।
PETA INDIA जैसे संस्था जो पशु अधिकार की बात करता है वह रक्षाबंधन एैसे त्यौहार पर मांस ना खाने की अपील करता है और ईद पर बकरा काटने का ज्ञान देते है।
जबकि, सबको पता है कि रक्षा बन्धन कोई मांस खाने का त्यौहार नहीं है।
Pk मूवी में एक सनातनी हिन्दू लड़की को एक जादू अमीर खान आसमान से आकर पाकिस्तानी से प्रेम और मिलन करा देता है।
हिन्दू मंदिरों में ढोंग दिखाया जाता है।
पर इस मूवी में एक भी इस्लामिक विचारधारा के बारे में नहीं दिखाता है।
अनुष्का शर्मा जो मूल रूप से ब्राह्मण हैं उनकी वेब सीरीज में कुतिया का नाम सावित्री रखा गया है और कई आपत्ति जनक सामग्री परोसी गई है।
त्यौहारों औ पर्वों में हिन्दू भारतीय संस्कृति के लड़की के साथ एक जालीदार टोपी वाला लड़का दिखाया जात है।
क्या ईद में एक मुस्लिम लड़की बुर्के में एक टीकाधारी को गले लगाया हुआ विज्ञापन देखा आपने।
सभी धर्म का सम्मान हो है व्यक्ति को अपने धर्म के प्रचार की इजाजत है मेरे लेख का ये मतलब नहीं कि कोई धर्म खराब है और ऐसे क्यूं दिखाया जाता है।
सबसे बड़ी बात है अगर कोई इसका विरोध करे तो उसे फासीवादी, आरएसएस के एजेंट, गोडसेवाद से जोड़ दिया जाता है।
और बॉलीवुड में बैठे , कुछ मीडिया के लोग और कुछ वोट बैंक वाले राजनीतिक दल उसके खिलाफ अभियान चला देते हैं और फिर छाती पीट कर चिल्लाने लगते हैं , ” भारत में असहिष्णुता बढ़ गई है”।
अभी tata group के आभूषण ब्रांड tanishq ने भी ऐसा ही विज्ञापन दिया जिसमे एक हिन्दू लड़की के वेश भूषा में एक औरत की गोदभराई की रस्म एक मुस्लिम परिवार में दिखाया गया है ताकि इस दिवाली आभूषण की बिक्री ज्यादा हो।
क्या मुस्लिम समाज दिवाली मनाते हैं?
जबकि विज्ञापन होना चाहिए था राम के परिवार में सलमा की गोदभराई रस्म हो और सलमा का पति राम इस दिवाली सलमा को आभूषण उपहार में देते।
क्या है तनिष्क के विज्ञापन में:
तनिष्क (Tanishq) के नए विज्ञापन में एक हिंदू महिला को दिखाया है जिसकी मुस्लिम परिवार में शादी हुई है। वीडियो में इस महिला का गोदभराई का फंक्शन दिखाया है। मुस्लिम परिवार हिंदू कल्चर के हिसाब से सभी रस्मों को निभाता है। अंत में प्रेग्नेंट महिला अपनी सास से पूछती है, “मां ये रस्म तो आपके घर में होती भी नहीं है न?” इस पर उसकी सास जवाब देती है, “पर बिटिया को खुश रखने की रस्म तो हर घर में होती है न?” वीडियो में हिंदू-मुस्लिम परिवार को एकजुट दिखाने की कोशिश की गई है।
यह बहुत ही आपत्तिजनक है। विवादों के बाद TATA group ने इस विज्ञापन को हटा दिया है ।
हाल ही में पीएम केयर फंड में डोनेशन के लिए विपक्षी , बाम पंथी और बॉलीवुड के कुछ माफिया उनसे नाराज भी थे।
शायद यह एक साजिश के तहत भी किया गया हो।
पर सबसे बड़ी बात यह है कि जब ऐसे विज्ञापन के बाद विवाद होता है फिर बार बार इस तरह के विज्ञापन क्यों निकालते हैं।
वो लोग हिन्दू लड़की को होली ऐसे त्यौहार पर मुस्लिम लड़के के साथ होली मनाते हुए विज्ञापन दिखाते हैं।
भाईचारा का मतलब यही होता है क्या?
पता नहीं क्या चाहते हैं ये लोग पर ये इनका गन्ध चरित्र ही है।
जन जन की बात
अमित कुमार के साथ।
DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.