सूर्य पृथ्वी से करोड़ों गुणा अधिक विशाल है लेकिन फिर भी सूर्य सम्पूर्ण पृथ्वी को एक ही समय पर प्रकाशित करने में असमर्थ होता हैं  | उसी प्रकार भारतीय वेदों व् शास्त्रों का ज्ञान, विद्वानों का उपदेश व् शिक्षकों का ज्ञान भी किसी भी मानव जाति को एकदा  समझ में नहीं आता अत: कुछ भी ज्ञान प्राप्त करने  के लिए या कुछ समझने के लिए पृथ्वी की तरह चक्कर लगाकर वेदों, शास्त्रों, उपदेशों व् ज्ञान का एकाधिक  मनन  करना होगा

*** डॉ पांचाल

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