श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने श्रद्धालुओं को अगले 3 वर्षों तक या यूं कहें कि जब तक धातुओं के संकल्प की मांग ना की जाए तब तक सोना चांदी जैसी धातुओं का दान ना करें इसके रखरखाव मे भी ट्रस्ट को समस्या आ रही है हालांकि ट्रस्ट का मानना है कि लोगों ने बहुत पहले से दान के रुप में धातुओं के संकल्प की बात सोच रखी है लेकिन अभी फिलहाल वह ऐसा ना करें और अर्थ के रूप में अर्थात पैसे के रूप में ही दान करें ।
ट्रस्ट ने यह भी साफ कर दिया है कि जिस भूमि पर राम मंदिर का निर्माण होना है वहां जमीन की सतह से 9 मीटर भीतर तक खुदाई की जा चुकी है जिस स्थान पर बुनियाद के लिए अच्छी मिट्टी मिल जाएगी वहीं से राम मंदिर की बुनियाद के निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा इस बीच एलएनटी और टी एनटी मिलकर उस मटेरियल पर शोध कर रहे हैं जिसका प्रयोग राम मंदिर की बुनियाद निर्माण में किया जाना है 60 से 70 दिनों में वह अपनी रिपोर्ट सौंप देंगे और बहुत जल्दी ही भव्य मंदिर निर्मित होकर सभी के संकल्प को पूरा करेगा ।
ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्रा ने कहा कि पूरे देश में राम जन्मभूमि पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का भव्य मंदिर निर्माण हो इसके लिए पूरे देश के राम भक्त बहुत बढ़-चढ़कर समर्पण के अभियान में हिस्सा ले रहे हैं यहां आने वाले श्रद्धालु भी भगवान राम का दर्शन करते हैं और संकल्प के अनुसार समर्पण करते हैं यह प्रक्रिया भी चल रही है कई लोग बहुत पहले से संकल्प करके चांदी धातु के रूप में समर्पण कहते हैं ऐसा संकल्प किए हैं वह कर भी रहे हैं अभी तक हम लोगों ने उनकी श्रद्धा को स्वीकार किया रखते रहे लेकिन धातु के रूप में समर्पण स्वीकार करना वास्तव में उसके रखने की भी समस्या है सोना चांदी की आवश्यकता 3 साल के बाद पड़ेगी जब मंदिर बन करके तैयार हो जाएगा सभी श्रद्धालुओं से निवेदन करूंगा कि आगे आने वाले समय में जब इसकी आवश्यकता होगी हम निवेदन करेंगे तो इस प्रकार की धातुओं का समर्पण करें अभी वह अर्थ के रूप में भगवान के मंदिर निर्माण के लिए अपना समर्पण व्यक्त करे यही मेरा उनसे निवेदन है मंदिर निर्माण में हमने पहले आसपास वह क्षेत्र जंहा मंदिर निर्माण होना है 2.77 और आसपास के क्षेत्र को साफ करके लेवल कर लिया है मंदिर निर्माण के स्थान पर बुनियाद की खुदाई का कार्य प्रगति पर है लगभग 9 मीटर के आसपास नीव की खुदाई का कार्य पूरा हो गया है जंहा पर अच्छी मिट्टी नीव भरने के लिए मिल जाएगी वंहा पर नीव भराई का कार्य शुरू होगा हमारे सभी संस्थाएं , एलएनटी , टीएनटी , और सभी आईआईटी के लोग मिलकर इंजीनियरिंग मटेरियल पर शोध कर रहे है 60 से 70 दिनों में हमे यह बता देंगे कि कौन से मटेरियल का प्रयोग किया जाएगा कैसे करना है कैसे नीव खुदाई का कार्य प्रारंभ होगा इसके बाद नीव भराई का कार्य प्रारंभ हो जाएगा उसके बाद हम सभी ने जो संकल्प किया है मंदिर निर्माण का कार्य सम्पूर्ण होगा ऐसा हमारा विश्वास है
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