दुर्दांत विकास दुबे अंततः एनकाउंटर में पुलिस द्वारा मारा गया। कल जब उसे पुलिस ने उज्जैन से पकड़ा था, तभी एक बच्चे तक को पता था कि उसका परिणाम क्या होने वाला है। योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में इतिहास के नए नियमों को लिख रहे हैं। विकास दुबे 20 साल से अपराध की दुनिया में संलिग्न था, 60 से ज्यादा हत्याएँ की थी उसने। हैरत की बात तो ये है कि उसने जिन लोगों की हत्याएँ की थीं, उनके परिजन भी कहते हैं कि उन्हें इन्साफ मिला है। यह साफ़ दर्शाता है कि भारत की लचर न्यायपालिका से लोगों का भरोसा किस कदर कम होता जा रहा है। इस देश की धीमी न्यायपालिका की प्रक्रिया एक ऐसी प्रक्रिया है जिसे ख़त्म होने में वर्षों गुजर जाते हैं। लोगों को अब जल्द परिणाम चाहिए। ये अपराधी समाज का कचरा हैं, जो अब योगी स्टाइल से ही साफ़ होगा। अब गैंगस्टरों और दुर्दांतों को भी समझ में आ गया है कि ये योगी का उत्तर प्रदेश है, यहाँ योगी मॉडल चलता है। कल संभवतः पूरे देश में योगी मॉडल की पैरोकारी होने लगे। मगर हमें ये याद रखना चाहिए कि भारत देश एक “गणतंत्र” है, “गन तंत्र” नहीं। भारत की न्यायव्यवस्था को एक पूर्ण सुधार की आवश्यकता है। ये सुधार मोदी-शाह की जोड़ी के एजेंडा में जरूर होगी। तभी “गणतंत्र” , “न्यायपालिका”, “कानून-व्यवस्था” जैसे भारी शब्दों पर लोगों का भरोसा कायम रहेगा।
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