क्या आपको पता है भारतीय जनता पार्टी @BJP4India ने अपना चुनाव चिन्ह कमल ?का निशान कहाँ से लिया ? इसका इतिहास क्या है ??
१७७०−१ के संन्यासी विद्रोह या औरंगजेबी फ़ौज से काशी विश्वनाथ की गलियों में युद्ध की तरह १९४२ का आन्दोलन भी एक बाल−ब्रह्मचारी साधु ने आरम्भ किया था । जिनका नाम भी अब १९४२ पर लिखी पुस्तकों में नहीं मिलेगा,जो उस शहीद जुलूस में सम्मिलित भी नहीं थे केवल उनके नाम पुस्तकों में मिलेंगे!१८५७ में क्रान्ति मंगल पाण्डे ने आरम्भ की किन्तु तैयारी सारे अखाड़ों के साधुओं ने की जिन्होंने क्रान्ति का गुप्त चिह्न निर्धारित किया था ।
कमल” को,जो अब @BJP4India का चुनाव चिन्ह है इन्होंने ये चिन्ह वहीं से लिया ताकि भारतीय जनता को “रोटी” मिले । वरना कांग्रेस तो गुलामी ही करवाती और भीख मांगने को मजबूर करने की नौबत ला देती मिशनरियों के आगे । भाजपा जीती पर गौ हत्या नही बंद करवाई न ही हमारे काशी विश्वनाथ मंदिर में कैद असली बाबा विश्वनाथ मंदिर के शिवलिंग को आज तक आज़ादी दिलवाई ।
कमल का बटन दबायें । काँग्रेस सही कहती है कि १९४२ के आन्दोलन में जनसंघ या भाजपा ने भाग नहीं लिया,किन्तु काँगेस यह नहीं बताती कि तब जनसंघ या भाजपा पैदा ही नहीं हुए थे तो भाग कैसे लेते?
अंग्रेज तो भारत छोड़ गये,ह्यूम की ब्रिटिश ऑल इण्डिया काँग्रेस को भी भारत छोड़ना है ।
उन सन्यासियों के लिए ही #वंदेमातरम गीत लिखा गया था॥ इसीलिए को खांग्रेसी-वामी-शांति दूतों को आपत्ती है इस गीत से॥
@smritiirani @narendramodi @INCIndia
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