प्रचलित सिनेस्टार मनोज वाजपेयी यू-ट्यूब के माध्यम से हाल ही देशवासियों से पूछा था – मुंबई में काबा ? आज मैं मनोज जी कहता हूँ – “मुंबई में अर्नब बा ! जिसके पीछे  कमिश्नर परम बीर सिंह ऐसे पड़े हैं जैसे  कबीर  सिंह प्रीती के पीछे शराब और ड्रग्स पीकर पड़ा था ! कहानी  बिलकुल  चिर परिचित है ! शुशांत सिंह के  केस  में  #रिया से मेसेज के द्वारा पूछताछ , फिर अपने घर पर चाय पार्टी और उसके बाद कपल कपल ! सीबीआई बीच  में आ गयी और रिया को प्रीती के बाप की तरह अपने गिरफ्त में ले लिया तो  कमिश्नर  ने  ड्रग्स और मदिरा का सेवन सुरु कर दिया ! अब काम ही क्या बचा ? जो भी दिखे उसपे टूट पड़ना !

अर्नब गोस्वामी तो एक दोस्त की तरह बार बार परम बीर सिंह से कहते रहे हैं – तुझ से गलती हुई है वीरे , गलती  कबूल कर ले , सब ठीक हो जायेगा , लेकिन ये पट्ठा मानने को तैयार ही नहीं है l  इसे लग रहा है  कबीर की  तरह  इसको भी अंत में आत्मज्ञान मिल जायेगा ! अब इस बौड़म – बताह को कौन  समझाए की  कबीर सिंह किसी का  चमचा नहीं था और ये उद्धव ठाकरे का चमचा है ! उस उद्धव ठाकरे का जो खुद चमचागिरी  कर के मुख्यमंत्री बना  बैठा है ! अब भला एक चमचे की चमचागिरी करके तो यही सब हरकरत करेगा !

जब सुशांत सिंह राजपूत की केस में मुहं की खानी पड़ी , पुलिस व्यवस्था पे कलंक का टिका लगा और सम्पूर्ण  भारत में उद्धव और कमिश्नर की थू थू हो लगी तो ड्रग्स के नशे में एकबार फिर अर्नब गोस्वामी से पंगा ले लिया, वह भी एक वाहियात इलज़ाम लगाकर की “रिपब्लिक भारत”, 500 रुपया दे कर टीआरपी खरीदता है ?

अब आप ही बताइए मनोज जी , मुंबई में का नहीं बा ? फर्जी सरकार बा , रिया बा , परमबीर बा , बेबी पेंगुइन के  हीर बा , चाटुकार के भीड़ बा , सेटिंग बा , डेटिंग बा , टीआरपी के खेल बा , और सबके ऊपर अर्नब गोस्वामी का  मुंबई लोकल ट्रेन की तरह रिपोर्टों की गर्दी बा , फुल पेलम -पेल बा !

अब अर्नब गोस्वामी ने मानहानि का केस फाइल कर दिया है , एक बार फिर से मुंबई पुलिस और उसके करतूत  देश के सामने है ! गिद्ध जमात के चोंच में अर्नब तो नहीं फंस सके लेकिन केकड़ा मीडिया इंडिया टुडे  जरुर फंस  गया है ! अब तो ना निगलते बन रहा है और ना ही उगलते ! बार्क रिपोर्ट में रिपब्लिक भारत के बदले इंडिया टुडे  का नाम होना एक बार फिर से साबित करती है की – मुंबई का डॉन कौन ? अर्नब गोस्वामी ! मुंबई में अर्नब बा !!

_दिशव

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