तनया प्रफुल्ल गड़करी लिखती हैं
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BSc. MBA सुरभि कुमावत।
6ठी पास साहिद अली ।

सुरभि PNB मार्केटिंग मैनेजर।
पति साहिद अली 5 साल से घर में बेटी सम्हालता था। (मतलब घर बैठे मजे से और हिंदू लड़कियाँ फाँस रहा था)

मुलाकात पति की एक्स गर्लफ्रेंड ( वह भी हिंदू लड़की) के माध्यम से।
कहाँ? सुरभि कोचिंग के लिए गोपालपुरा जाती थी और साहिद घाटगेट से गोपालपुरा में दोस्त के यहाँ आता था।

जयपुर का मानचित्र देखिए। 9-10 कि.मी. का ट्रैफिक भरा डिस्टेंस पार कर वह अपने दोस्त से मिलने आता था!

बड़ी गहरी दोस्ती थी!!! वह दोस्त भी ‘हिंदू’ होने की पूरी संभावना है। गोपालपुरा हिंदू बहुल क्षेत्र है जहाँ अनेक कोचिंग संस्थान हैं मने कच्ची उम्र की हिंदू बेटियाँ आती-जाती हैं। वहीं घाटगेट इलहामी बहुल क्षेत्र है।

सुरभि के करिअर ग्राफ को देखकर लगता है कि वह पढ़ाई व करिअर को लेकर सिंसियर थी। तब उसे कैसे फाँसा गया होगा?
ना!आपको केवल एक ‘वही तरीका’ समझ आता है लेकिन इनके पास हर स्त्री के लिए विशेष तरीका है।

स्त्री होने के नाते एक लड़की की साइकोलॉजी के हिसाब से कह रही हूँ कि यह जिहादी इस लड़की के प्रति बहुत केयरिंग व्यवहार दिखाता होगा। “तुम पढ़ाई करो, तुम करिअर बनाओ, मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ…” टाइप। इसीलिए सार्वजनिक बैंक में बड़े पद पर चयन होने के बाद भी लड़की ने इसे चुना होगा और फिर गाजियाबाद के किसी कथित ‘आर्य समाज’ में शादी कर ली।

● असली आर्य समाजियों को चाहिए कि वे अपनी ऊर्जा मूर्तिपूजा पर रोने की बजाय आर्य समाज के नाम पर फर्जीवाड़े कर रहे लोगों के ‘उपचार’ में लगाएँ।●
एक बात गारंटी से कही जा सकती है कि लव जिहाद की शिकार लड़कियाँ अक्सर अपने माता-पिता में से एक की कमी या उनमें से किसी एक द्वारा स्वयं को उपेक्षित महसूस करती हैं। इसका सुसाइड नोट यदि सही है तो इस लड़की के मन में भी उपेक्षा की गहरी खाई होगी जिसको भरने का नाटक साहिद ने किया होगा और अब काम निकल जाने पर आगे किसी और हिंदू लड़की को रोने (और अर्थी के लिए) कंधा दे रहा होगा।

और अब तो उसके पास लग्जरी बाइक भी है। मतलब इस बार ऐसी मूर्ख लालची लड़कियों को भी फाँसा जा सकता है जो चमक दमक देखकर मोहित हो जाती हैं!
आगे समाचार पढ़िए। विशेष यह है कि पुलिस के आने तक उसका बेचारा पति लाश को फंदा काटकर उतार चुका था।

मेरी वॉल पर लड़की के नाम गाली देने वाले को या उसकी आत्महत्या(?) पर प्रसन्नता दिखाने वालों को ब्लॉक कर दिया जाएगा क्योंकि उससे प्रैक्टिकली लाभ कुछ नहीं है। आगे इसपर अपने-अपने क्षेत्र में, अपने घर, परिवार,समाज की बेटियों को कैसे जागरूक कर सकते हैं, और यदि कोई जिहादी किसी हिंदू बच्ची को फाँस ही ले तो उसे कैसे बचा सकते हैं इसपर प्रैक्टिकल योजना बनाकर व्यवहार में लाए।

🖋️━━━━✧❂✧━━━ @shubhamhindu01

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