राहुल गांधी भी खूब हैं ! अपने बचपन को भरपूर जीना चाहते हैं ! भोलेनाथ की कृपा से बाल्यकाल में  सकुशल जीवन व्यतीत कर भी रहे हैं ! नादान जीवन, ना पैसों का गम, ना अपमानित होने की कोई चेतना, बस जो मन में आया वही करते रहते हैं ! जरुरी नहीं है कि एक अनपढ़ ही मुर्ख हो ,एक पढ़ा लिखा इंसान भी मुर्ख हो सकता  है ! एक अनपढ़ का सम्बन्ध पारंपरिक शिक्षा से है, जबकि एक मुर्ख का सम्बन्ध सिर्फ मुर्खता से ! ठीक इसी तरह से राहुल गाँधी का सम्बन्ध बाल्याबस्था से है l जरुरी नहीं, कि जिसकी उम्र सात साल है वही बालकाण्ड  करने  का अधिकारी हो ! बालकाण्ड कोई भी कर सकता है l चाहे वह प्रौढ़ हो या तरुण; चाहे वह देशज हो या विदेशज, कोई प्रश्नचिन्ह नहीं है !

मुझे तो कभी कभी ये लगता है, कि मोदी जी ने राहुल गाँधी के ही बालकाण्ड पर मोहित होकर, हाल ही में अयोध्याकाण्ड किया है ! देशवासियों के पास सुन्दरकाण्ड, साधुओं के पास अब अयोध्याकाण्ड, मोदी जी के पास देशविरोधियों के लिए अरण्यकांड और अंत में लंकाकाण्ड है ! देश में अभी कितनी मनमोहक और मनोरम दृश्य है! आह, मन की मालायें भी लालकिले की प्राचीर से इस सुन्दरकाण्ड को देखकर विखड़ जाना चाहती है l वह तो मैं ही हूँ जो लालायित मन को रोकता आ रहा हूँ , कहता आ रहा हूँ– धैर्य धरो, सभी काण्डों में बालकाण्ड ही सबसे बड़ा काण्ड है ! सम्पूर्ण नामोगाथा इसी काण्ड पर आधारित है !

मेरा बस चले तो मैं उन सभी दुष्टों को फांसी की सजा सुना दूं जो राहुल गाँधी को अविवेकी , अज्ञानी कहते हैं ! अज्ञानी तो असल में वे लोग हैं, जो एक बालक के मन को ताड़-ताड़ कर रहे हैं ! लोगों को समझना चाहिए कि प्रौढ़ावस्था में मंद्बुधिमता एक दुर्लभ संयोग है ! ये शिव वरदान से कम नहीं ! मै पूछना चाहता हूँ उनलोगों से   जो राहुल गाँधी का मखौल उड़ाते रहते हैं कि—क्या आप लोगों ने “कोई मिल गया” हिंदी सिनेमा नहीं देखी है ? कैसे एक मंद्बुधि युवा लड़का एलियन की मदद से एक भविष्य देखनेवाली मशीन तैयार कर लेता है! एक सुपर कम्पुटर ! आपलोग बहुत बड़ी भूल कर रहे हैं जो राहुल गांधी को मजाक में ले रहे हैं ! ऐसे ही इस बालक ने नही बोल दिया था कि – “ एक ऐसा मशीन बनाएगा जिसमे आलू देने पर सोना निकलेगा , वह भी चाँद पर “ !

आपलोगों में यदि थोड़ी सी भी चेतना जीवित है, तो आप मान जायेंगे कि यह एक  चमत्कारी बालक है ! दुनिया में ऐसा कौन है जो ट्रेक्टर पर मर्सरिज़ की सीट लगाकर बैठता है, और लोग दर्शन के लिए पीछे पीछे दौड़ लगाते हैं ! कौन व्यक्ति नहीं जानता, कि शशि थरूर जैसे पढ़े लिखे लोग इस बालक के सामने मुर्ख अनुयायी की तरह लेट जाते हैं ! आपलोग जितनी जल्दि इस बात को समझ जायेंगे देश में मोदिगाथा उतनी तेजी से समापन की और बढ़ेगी ! चाहे पंद्रह मिनट में चीन को भगा देने वाली बात हो , या फिर हाथरस केस में गिर पड़ने की , सभी वाक्य ,सभी कार्य ने मोदिगाथा को अमृत पिलाने का काम किया है !

कल ही इनके चाचा ने इनके सपनों को हवा देते हुए कहा है ––चीन की मदद से 370 और अर्टिकल 35A को पुनः स्थापित किया जा सकता है ! जबाब नही ! मैं तो सुनकर रोमांचित हो उठा ! आपलोग अपने स्वाभाव के अनुसार गुस्सा हो रहे होंगे लेकिन मैं तो सुनकर राहुल गांधी, प्रिये प्रौढ़ बालक का फोटो देखने लग गया था ! स्वप्न में भी एक और स्वप्न देखने की ये विलक्षण कला को देखकर, कभी कभी आश्चर्य होने लगता है , कि ये और इनके शिष्यमण्डली कितने सामानांतर सोचते हैं , सामानांतर बोलते हैं ! बोल में तनिक भी हेरफेर नही ! स्वप्न और भावनाओं में इतनी समानता की ऍफ़.बी.आई भी चक्कर खा कर गिर पड़े ! हे मोदी जी , आप धन्य हैं , इस प्रौढ़  को मौका पर मौका दे रहे हैं , अन्यथा मैं तो इस चमत्कारी बालक के स्वप्न से अनभिज्ञ रह जाता !

मेरा अनुरोध है आप सभी से, इस प्रौढ़ बालक को स्वप्न देखने दीजिये ! आखिर सपने तो सपने होते हैं ! हालाँकि अभी तो पूतना के साथ ही जीवन-यापन कर रहा है, लेकिन क्या पता “कोई मिल गया “ के पात्र रोहन मेहरा की तरह किसी “कृष” को जन्म दे दे, और फिर काण्ड ही काण्ड ! या फिर क्या पता, कृष कहीं गुपचुप तरीके से पल- बढ़ रहा हो, अपने दादी के पास ! आजकल दादी भी तो कहीं नही दिखती हैं ! सोचिये,कितने अध्याय जुड़ते चले जायंगे ! एक सुचना है -कि यदि सोचते सोचते आप कृष2 के परिणाम तक पहुँच गए हैं तो ध्यान रखियेगा की यह “मोदिगाथा” है जिसमे उतरकाण्ड पहले ही हो चूका है !

-दिशव

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