सतवंत सिंह हाजिर हो !

दिल्ली दंगाइयों के नाम का बोर्ड हाथों में लेकर चमका रहे चेहरों के बीच  में ओसामा को बिन लादेन और  भिंडरावाले हँसते हुए देखकर मैं सन्न रह गया ! एक तरफ मक्के दी रोटी और दूसरी तरफ मटन कोरमा  और फिर मिल-बाँट कर खाते हुए ठहाका लगाना – मैं तो सोच में पड़ गया हूँ ! ये लोग फिर से जिन्दा कैसे  हो गये , कौन छुपा के रखा था अमृत , किसने इनको अब जीवित शरीर दे दिया ? बार-बार मैं इसी तरह के  प्रश्नों  के बीच में अपने आप को देख रहा हूँ !...

किसान आन्दोलन ?

मिर्ज़ापुर-2 और बाद

हम लोग ओ.टी.टी. और वेब सीरीज़ पर चर्चा करते रहे और मिर्ज़ापुर का सीजन-2 भी आ गया। पिछली रात दसवाँ एपिसोड देख, सीजन-2 पूरा...

सपने तो सपने होते हैं , मुझे देखने दो , बोलने दो – राहुल गाँधी

राहुल गांधी भी खूब हैं ! अपने बचपन को भरपूर जीना चाहते हैं ! भोलेनाथ की कृपा से बाल्यकाल में  सकुशल जीवन व्यतीत कर...

प्रेमचंद के जूते पूछ रहे हैं सवाल – मैं प्रेमचंद का जूता या धनपत राय का ?

हरिशंकर परसाई जी प्रेमचंद के जूते को देखकर रो पड़े थे , मन में व्यग्रता और वेदना को दबा ना सके तो “जूते” के माध्यम से उस समाज को जूता मारा – जिस समाज ने अनमोल साहित्यकार को सिर्फ राजनीति के लिए फटे जूतों में मरने को छोड़ दिया ! आज प्रेमचंद जी का पुण्यतिथि है ! उस महान समाज सुधारक का जिन्होंने लगभग सभी अपने कृत में एक दबे – कुचले समुदाय को नायक बनाकर समाज में फैली कुरीतियों पर प्रहार किया ! “रंगभूमि” का सूरदास , “गोदान” का होरी,...

क्यों कुमार विश्वास प्राइवेट नही अब सरकारी श्रोता चाहिए क्या ??

कुमार विश्वास के उपर्युक्त ट्विट से पता चलता है की अब कविराज प्राइवेट यानि आम  जनता नही  निजी  यानि सरकारी श्रोता चाहिए ? कविराज लेखनी को ध्यान से पढियेगा , एक कवि की तरह l बुरा मानना  चाहो  तो आप मान सकते हैं l इतने बर्षों तक कोई दीवाना कहे  और कोई पागल कहे तो  नाराजगी लाजमी है l दुबई  मुशायरा में प्राइवेट प्लेन में बैठ कर , प्राइवेट हॉल में कविता पढ़ पढ़ कर , प्राइवेट मोबाइल नंबर पर , प्राइवेट  लोगों से , प्राइवेट बधाई पाकर मन  तो उब गया होगा  आपका ?...