कुमार विश्वास के उपर्युक्त ट्विट से पता चलता है की अब कविराज प्राइवेट यानि आम जनता नही निजी यानि सरकारी श्रोता चाहिए ? कविराज लेखनी को ध्यान से पढियेगा , एक कवि की तरह l बुरा मानना चाहो तो आप मान सकते हैं l इतने बर्षों तक कोई दीवाना कहे और कोई पागल कहे तो नाराजगी लाजमी है l दुबई मुशायरा में प्राइवेट प्लेन में बैठ कर , प्राइवेट हॉल में कविता पढ़ पढ़ कर , प्राइवेट मोबाइल नंबर पर , प्राइवेट लोगों से , प्राइवेट बधाई पाकर मन तो उब गया होगा आपका ?...