मार दिया, आज फिर एक और सच्चे हिन्दू को मार दिया गया और तुम इसी तरह चुपचाप बैठे देखते रहना सेक्युलर हिन्दूओं।
रे सेक्यूलर हिन्दूओं तुम्हारी नपुंसकता ने आज फिर एक घर के चिराग को बुझा दिया लेकिन तुम अपनी सेक्युलरता मत छोड़ना और ना ही अपनी नपुंसकता।
तुम्हें तो भाईचारा निभाना है, गांधी के आदर्शों की राह पर चलना है।
उन कथित शांतिदूत “मुल्लों” को अपना उद्देश्य पता है लेकिन तुम अब भी मासूम बनकर बैठे रहो क्योंकि….
ये देश तो गांधी का है ना, यहाँ हिन्दू कैसे अहिंसा को छोड़ सकते है।
हिन्दू तो बेचारे बहुत ही सहिष्णु होते है वो तो एक चींटी को भी नही मार सकते।
हिन्दू धर्म में किसी भी अन्य धर्म के खिलाफ अपशब्द नही बोले जाते है।
वगैरह वगैरह…।।।
लानत है इन सभी बातों का और पता नही कौन ये बातें सीखा गया।
अरे हिंदूओ तुम कैसे भूल गए……
● कि तुम सब धनुर्धारी श्रीराम के वंशज हो जिन्होंने रावण जैसे अत्याचारी को समूल समाप्त कर दिया था।
● कि तुम सब चक्रधारी श्रीकृष्ण के वंशज हो जिन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अधर्म के विरुद्ध शस्त्र उठाए थे।
● कि तुम सब उन्हीं वीर हिन्दू राजाओं छत्रपति शिवाजी, महाराणा प्रताप, पृथ्वीराज चौहान की संतान हो जिन्होंने अधर्मियों के आगे झुकने के बजाय उनका डटकर मुकाबला किया।
● कि तुम सब उन्हीं महान सनातन धर्म के वंशज हो जहाँ एक हाथ में शास्त्र और एक हाथ में शस्त्र लेकर धर्म की रक्षा की जाती है।
क्या ये सब बातें तुम भूल चुके हो और यदि नही तो फिर क्यों आज भी इस हिन्दू बहुल देश में हिन्दूओं की इस प्रकार निर्मम तरीके से हत्या की जा रही है।
मन में क्रोध, बेचैनी, दुःख और पश्चाताप है जब से रिंकू शर्मा की तस्वीर देखी है।
आखिर क्या गुनाह था आखिर रिंकू शर्मा का, बस यही कि वो प्रभु श्रीराम के मंदिर निर्माण हेतु निधि संग्रहण कर रहा था।
ये गुनाह नही बल्कि ये तो एक महान सौभाग्य था, लेकिन कथित शांतिदूतों को ये बर्दाश्त नही हुआ और उस रामभक्त को निर्दयी तरीके से मार दिया गया।
वो 14 मुल्ले थे और रिंकू शर्मा अकेला, वो 14 लोग बहादुर नही थे बल्कि वो थे कायरों की औलाद जो एक अकेले निहत्थे व्यक्ति को मारने के लिए एक साथ आए थे।
हो सकता है कि उन शांतिदूतों का अगला हमला आप पर या मुझ पर हो सकता है लेकिन आखिर ये कब तक चलता रहेगा..???
पहले भी अंकित, चंदन, निकिता, कमलेश तिवारी, पालघर साधुओं की हत्या की गई लेकिन तब भी कुछ नही हुआ था और आज भी कुछ नही होगा।
2 या 4 दिन शोक मनेगा, झूठमूठ की लीपापोती की जाएगी और हिन्दूओं का आक्रोश फिर शांत हो जाएगा।
सेक्युलर हिन्दूओं तुम भी अपनी जबान को दबाए रखना वरना गांधी नाराज़ हो जाएगा, शांतिदूत नाराज हो जाएगा, धर्मनिरपेक्षता नाराज हो जाएगी, भाईचारा नाराज हो जाएगा।
इसलिए सेक्युलर हिन्दू तुम किसी को भी नाराज मत करना आखिर था कौन रिंकू शर्मा,लगता क्या था तुम्हारा रिंकू शर्मा बस ऐसे ही था कोई जो मार दिया गया, उससे तुम्हें क्या मतलब।
सही कह रहा हूँ ना..???
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