इजराइल और फलस्तीन के बीच अल अक्सा मस्जिद को लेकर जंग जारी है। जिन्हें इजराइल की लड़ने की शैली और क्षमता पर यकीन नहीं है उन्हें एक बार एक महत्वपूर्ण फीचर फिल्म जरूर देखनी चाहिए। ‘म्यूनिख’ नाम की एक फिल्म आपको कहीं से भी मिल जाएगी वरना यह फिल्म #Netflix पर मौजूद है।


 दरअसल सन 1972 में जर्मनी के म्यूनिख शहर में ओलंपिक खेल चल रहे थे तब अरब के कुछ आतंकियो नें एक दर्जन इजरायली प्लेयर्स की खेल_गांव में ही हत्या कर दी ..!! इन फलस्तीनी आतंकियों ने इजरायल के खिलाड़ियों को पहले बंधक बनाया और फिर उनकी हत्या कर दी। अगली बारी इजराइल की खुफिया एजेंसी #मोसाद की थी ..!! मोसाद  बारह साल तक  इस ऑपरेशन में लगा रहा ..जब तक. खोज-खोजकर उसने सारे आतंकियो को नहीं मार दिया  ..!! किसी राष्ट्र की सम्प्रभुता क्या होती है उसका इससे सशक्त उदाहरण और क्या हो सकता है ..??? 


सोचिए इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने 12 साल तक इस ऑपरेशन को चलाया और जो आतंकी और उनके मददगार खिलाड़ियों की हत्या में शामिल थे उन्हें दुनिया के हर कोने में चुन चुन कर मारा। इजराइल की खुफिया एजेंसी के लोग 12 साल तक इन आतंकियों के पीछे और इनके आसपास अपने लोगों को फिट करते रहे और धीरे से एक-एक कर सभी को मौत के घाट उतार दिया।


 यह ऑपरेशन इतने बड़े लेवल पर किया गया था कि इजरायल के प्रधानमंत्री सीधा इस मामले को देख रहे थे। लगातार आक्रमण सहन करता हुआ इजराइल बहुत   मजबूत संकल्प_शक्ति वाला राष्ट्र बन गया है ..!! हाल ही के कदम ने  पुनः एक बार उसे संप्रभु राष्ट्र के रूप में प्रतिष्ठित कर दिया है..!!!

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.