मध्यप्रदेश में ‘धर्मांतरण गैंग’ आदिवासी इलाकों में रहने वाले लोगों को बहल-फुसला कर उनका धर्म परिवर्तन करा रहे हैं. जिसे लेकर राज्य सरकार अब योजनाबद्ध तरीके से काम करती नजर आ रही है . सरकार हर वो कवायद कर रही है जिससे एक तो ऐसे लोगों का पर्दाफाश हो जो इस काम में शामिल हैं साथ ही लंबे समय से आदिवासी इलाकों में धर्मांतरण के लिए जो बड़ा फंड आ रहा उसपर भी सरकार की पैनी नजर है.  

दरअसल सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कलेक्टर-कमिश्नर, आईजी-पुलिस अधीक्षक कॉन्फ्रेंस की .  इस दौरान मुख्यमंत्री ने अफसरों से कहा कि मध्य प्रदेश में ऐसे सभी NGO को चिन्हित किया जाए जिन्हें फॉरेन फंडिंग यानि विदेशों से आर्थिक मदद मिल रही हो , साथ ही यह भी कहा गया कि ये भी पता लगाया जाए कि इस फंड का कहां और क्या उपयोग हो रहा है।

इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ‘वैमनस्य फैलाने, समाज को तोड़ने का काम करने वाले और धर्मांतरण करने वाले एनजीओ के लिए मध्यप्रदेश में जगह नहीं है। उन्हें हम यहां रहने नहीं देंगे। समाज को तोड़ने में कई एनजीओ का भी हाथ है। ऐसे संगठनों का रिकॉर्ड तैयार किया जाए। इनसे जुड़े लोगों की सूची बनाएं’।

दरअसल देखा जाए तो कोरोना काल में धर्मांतरण गैंग ने लॉकडाउन का पूरा फायदा उठाया . कनवर्जन माफियाओं ने न सिर्फ मध्यप्रदेश ब्लकि आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ यहां तक बिहार में भी धड़ल्ले से धर्मांतरण का जाल बिछाया ।

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