अजान देनाधार्मिक अधिकार हो सकता हैपरंतु उसके लिए मस्जिदों पर भोंपू लगानायह धार्मिक अधिकार कदापि नहीं हो सकता । सर्वोच्च न्यायालय एवं देश के लगभग 15 उच्च न्यायालयों का स्पष्ट आदेश है कि ध्वनिप्रदूषण कर अन्यों के मौलिक अधिकारों का हनन करनेवाले भोंपुआें पर कारवाई करनी चाहिए । जिस प्रकार बाबरी मस्जिद प्रकरण में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन न करने से उत्तर प्रदेश के कल्याण सिंह सरकार पर न्यायालय का अपमान करने की कारवाई की गई थीवैसी ही कठोर कारवाई मस्जिदों पर लगे भोंपुआें द्वारा होनेवाला ध्वनिप्रदूषण न रोकने के कारण न्यायालय का अपमान करनेवाले देश के सभी राज्य सरकारों पर करनी चाहिएऐसे स्पष्ट प्रतिपादन ‘लष्करहिंद’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीईश्‍वर प्रसाद खंडेलवाल ने किया । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से ‘मस्जिदों पर भोंपुआें द्वारा हो रहा ध्वनिप्रदूषण कानून एवं न्यायालय का क्या मत है ?’ इस विषय पर आयोजित ऑनलाइन ‘विशेष संवाद’में वे बोल रहे थे । इस समय हिन्दू जनजागृति समिति के श्रीवैभव आफळे एवं कुक्रांती पेठकर द्वारा पूछे प्रश्‍नों का उत्तर वे दे रहे थे ।

        उत्तर देते समय श्रीखंडेलवाल ने कहाप्रार्थना स्थलों पर लगाए जाने वाले भोंपुआें का प्रयोग केवल धार्मिक उद्देश्य से नहींअपितु समाज में वर्चस्व एवं कटुता निर्माण करने के लिए चल रहा है । उत्तर प्रदेश के रमजान महीने में मस्जिदों पर से अजान देने की अनुमति मिलेंइसलिए वर्ष 2020 में माजी केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद एवं बसपा के सांसद अफजल अन्सारी ने जनहित याचिका प्रविष्ट की थी । उसपर निर्णय देते समय उच्च न्यायालय ने ‘ध्वनिवर्धक का प्रयोग न कर मस्जिद के मीनार पर से अजान दी जाए’ ऐसा स्पष्ट रूप से कहा है । जिन्हें आवश्यकता नहीं है अथवा जिन्हें पसंद नहीं हैऐसे लोगों को जबरदस्ती अजान सुनानायह उनके मूलभूत अधिकार का हनन है । इसलिए न्यायालय का कहना है कि विना अनुमति भोंपू पर से अथवा ध्वनि प्रदूषण संबंधी कानून का उल्लंघन कर कोई यदि अजान दे रहा होतो उसपर कठोर कारवाई करनी चाहिए ।

      एक ओर हिन्दुओं के दही हांडी अथवा अन्य धार्मिक उत्सवों के संदर्भ में न्यायालय का निर्णय मिलने पर हिन्दू उसका त्वरित पालन करते हैं और सरकार भी उस पर कठोरता से अमल करती हैकिंतु मुसलमानों के संदर्भ में न्यायालय का निर्णय होने पर मुसलमान उसका पालन नहीं करतेयह कर्नाटक के हिजाब प्रकरण से पुनः स्पष्ट हुआ है । अनेक मौलाना मुसलमानों को भडकाने का काम करते हैं । बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने कहा है कि मस्जिदों पर से भोंपू उतरवाने की मांग व्यर्थ है । यह मुसलमानों के तुष्टीकरण के लिए पूरे देश में हो रहा है । श्रीखंडेलवाल जी ने अंत में कहावास्तविक सर्वोच्च न्यायालय एवं 15 उच्च न्यायालयों के आदेश का राज्य सरकार ने स्वयं से पालन करना चाहिए ।

रमेश शिंदे,
राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.