ऐसा लगता है सरकार ,उन तमाम समाचार और संचार माधयमों पर नकेल कसने की तैयारी में है जो एक ख़ास एजेंडे के तहत भारत की सांस्कृतिक विरासत और चारित्रिक मूल्यों को येन केन प्रकारेण दूषित और अपमानित करते चले आ रहे हैं और फिलहाल इस दिशा में कोई कानून न होने के कारण अभी तक कानून के शिकंजे से बचे फिर रहे हैं |

चीन के साथ हुए हालिया विवाद में टिक टॉक जैसे वाहियात एप्प का श्राद्ध करने के बाद ,टेलीविजन पर इन दिनों देखे और दिखाए जाने वाले सभी OTT प्लेटफॉर्म्स जैसे नेटफ्लिक्स ,अमेज़न प्राइम , alt बालाजी , मैक्स प्लेयर समेत अन्य बहुत से पर अब सरकार की भृकुटि तन गई है |

बताते चलें कि अभी कुछ दिन पूर्व ही गृह मंत्रालय भारत सरकार ने कम से कम 40 ऐसी साइटों को प्रतिबंधित कर दिया था जो लगातार देश विरोधी कथ्य और तथ्य ,झूठ और भ्रम फैला कर राष्ट्रविरोधी एजेंडे को साकार करने में लगे हुए थे | ऐसे ही दो समाचार चैनल पर भी सरकार की नज़र टेढ़ी हो रखी है | एक बीबीसी हिंदी सेवा जो अपनी रिपोर्टों में लगातार जानबूझ कर एकतरफा और भारत विरोधी ख़बरों का प्रसारण करता है और देश में इसका साझीदार NDTV |

पिछले दिनों एक के बाद एक कई ऐसी शिकायतें सरकार और सूचना प्रसारण मंत्रालय को दी गई जिनमें सरकार का ध्यान इन OTT प्लेटफॉर्म्स पर वेब सीरीज़ के नाम से अश्लीलता और फूहड़पन , गाली गलौज़ हिंसा की अधिकता और सबसे अधिक हिन्दू धर्म और प्रतीकों को निशाने पर लेकर उनका मजाक उड़ाने जैसी बातों की ओर ध्यान दिलाया गया था |

वर्तमान में इन वेब सीरीज़ और OTT प्लेटफॉर्म्स पर दिखाए जाने वाले कार्यक्रमों /धारावाहिको के लिए कोई भी नियामक या नियंत्रक संस्था नहीं है | इसलिए ये संभावना जताई जा रही है कि बहुत जल्द सरकार इस दिशा में एक ठोस और स्पष्ट कानून लाने की तैयारी में है |

तो ये मान कर चला जाए कि टिक टॉक की बहनें ये नेटफिल्क्स और मैक्स जैसों की दुकान पर भी बहुत जल्द ही टाला लगने जा रहा है | तो प्रेम से बोलिये जय श्री राम

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