एजाज खान को हर हफ्ते मुंबई पुलिस द्वारा अलग अलग मामलों में थाने ले जाकर “बोले तो एक नंबर ” एक नंबर कटिंग चाय पिलाती है अक्सर थाने से बाहर लंगड़ाते हुए निकलते समय वो सुबह का भूला शाम को टाईप हो जाता है |
लेकिन फिर शाम आते आते जैसे ही “सॉरी बाबू ” वाले बाबू बहन लोग आने जाने लगते हैं , दो चार उलटी सीधी वस्तु तन के भीतर घुसते ही मन के भीतर का सारा गंद अपने आप बकर बकर चकर चकर
अच्छा , अब दिक्कत ये है की वो लखनऊ के नवाब साहब जैसी पक्की आदत (अरे वो नवाब साब वाला अफ़साना भी नहीं जानते आप , सुना देंगे किसी दिन ) जितनी उल जलूल हरकतें करेंगे बकवास करेंगे , मूतेंगे हगेंगे तक सब कुछ डालेंगे , बोले तो एक नंबर ,वीडियो बना के डालेंगे
क्यूंकि क्या है न , जूते तो वैसे भी गली मोहल्ले वाले , उधार जिनसे ले रखे हैं वो और अब जिनके जिनके लिए भी बकवास कर रहा हूँ वो भी लगा ही रहे हैं तो कब चरस हशीश गाँजा ओवर फ्लो हो जाता है इसका पता ही नहीं चलता
बस एक हफ्ता जाते जाते इस बयान पठान की सूजी आँखों , टूटी ____ के सौंदर्य के साथ ही माफी मांगने वाली वीडियो भी आती ही होगी | हो सकता है पट्ठे ने शूट करना भी शुरू कर दिया हो , लेकिन पता उसको भी है कि पब्लिक डोमेन में कुछ भी डालो तो पब्लिकली रिएक्ट तो पब्लिक करेगा ही न
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