आजतक की पत्रकार से मिलकर फैलाया गया झूठ और भड़काया गया माहौल

बलात्कार का धर्म, जात और राज्य देखने की नीचता कर रही हैं कांग्रेस

हिंदुओं को बांटो और मुसलमानों को एक करो कि कांग्रेस की रणनीति

लव जिहाद पर चुप्पी और हाथरस पर नंगनाच – ये है राहुल और प्रियंका की कांग्रेस। हिंदुओं को खासतौर पर यूपी के हिंदुओं को जातपात में बांटना और मुस्लिम वोट को एक करना बस इसी एक मकसद से पूरी कांग्रेस राजनीति कर रही हैं।

हाथरस में प्रियंका गांधी के दाएं हाथ संदीप सिंह की खास साथी महिला पत्रकार तनुश्री पांडे ने जो झूठ फैलाया वो किसी से छिपा नहीं हैं। तनुश्री आजतक में काम करती हैं और हाथरस की पीड़ित की चोट, घाव, गैंगरेप से लेकर अंतिम संस्कार तक सिर्फ और सिर्फ झूठ फैलाती रही। मकसद साफ था – यूपी में आग लगवाना, हिंदुओं को बांटना।

हाथरस के साथ ही बलरामपुर में भी दलित महिला के साथ वीभत्स बलात्कार और हत्या का मामला हुआ। लेकिन राहुल और प्रियंका ने एक शब्द भी बोलना ठीक नहीं समझा, क्योंकि अपराधी जिस धर्म के थे उनका नाम भी लेना कांग्रेस में गुनाह हैं।

राजस्थान के गंभीर अपराधों पर चुप बैठी प्रियंका गांधी, हाथरस के नाम पर जहर फैला रही हैं। सोनिया, राहुल, प्रियंका तीनो में रातोंरात जैसे नए प्राण आ गए। जैसे इंसान को देखकर किसी आदमखोर की आंखे चमक उठे वैसे ही हाथरस कांड पर राहुल, प्रियंका और सोनिया एकदम कूद पड़े।

इनका मकसद ना न्याय हैं ना सत्य, इनका मकसद है यूपी में आग लगवाना, हिंदुओं को बांटना और मुसलमानों को एक करना। उसके लिए कांग्रेस पार्टी कुछ भी करेगी, किसी भी हद्द तक गिरेगी।

जरा सोचिए, राजस्थान के सीकर में 8 वीं में पढ़ने वाली छात्रा का रेप हुआ, आरोपियों ने रेप का वीडियो बनाया और दोस्तो को दे दिया, कुछ दिन बाद रेप का वीडियो दिखा कर दूसरे लड़के ने रेप किया, समय पर कार्रवाई होती तो दोबारा रेप नहीं होता, लेकिन प्रियंका और राहुल सिर्फ हाथरस पर ही क्यों बोल रहे हैं ?

दरअसल इन गिद्धों की गंदगी योगी और मोदी के खिलाफ उजागर हो रही है ताकि यूपी में जातिगत उन्माद फैलाकर हिंसा को उकसाया जा सके। इनकी हमदर्दी लड़की से नहीं इनकी नफरत योगी और मोदी से है इस पूरे मुद्दे पर यही दिखता है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट साफ कहती है कि रेप नहीं हुआ तब भी इन्होंने इस मुद्दे पर रेप का हल्ला मचाया। लड़की ने स्वयं अपना बयान दर्ज कराया और बताया कि जीभ नहीं काटी गई तो भी इन झूठ के सौदागरों ने प्रपंच किया कि लड़की की जीभ काटी गई है। लड़की के भाई ने सिर्फ मारपीट का केस दर्ज कराया फिर भी ये लोग मामले को बढ़ाकर पेश कर रहे हैं ताकि इनकी राजनीतिक रोटियों पर नफरत का जहर लगाकर देश को चटाया जा सके। दोषी बख्शे नहीं जाएंगे सलाखों के पीछे हैं उनके पापों का हिसाब उन्हें मिलेगा..मगर जिन्होंने प्रोपगैंडा फैलाकर जहर उगला उनका हिसाब कौन करेगा।

खबर है कि जब रात में पीड़ित लड़की को दिल्ली के बड़े अस्पताल में दाखिल करवाया गया तभी JNU के पूर्व अध्यक्ष संदीप सिंह जो प्रियंका गांधी के करीबी हैं, उनका फोन एक अंग्रेजी चैनल की वामपंथी लडक़ी के पास गया और तब उस लड़की ने बौद्धिक आतंक फैलाने के लिए कॉमरेड के लाल सलाम को कुबूल किया। इससे पहले भी इंडिया टुडे की ये महिला पत्रकार JNU में छात्रों को मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी के लिए उकसाने वाले वीडियो से जानी जाती है। ये महिला रिपोर्टर पूरी रात यूपी पुलिस की गतिविधियों को नोट कर संदीप सिंह और प्रियंका गांधी को पहुंचाती रही ताकि पीड़ित लडक़ी की लाश पर पूरे यूपी में सड़क बंद कर दंगे करवाए जा सकें।  इससे पहले भी इंडिया टुडे कि यह महिला पत्रकार अपने वामपंथी दोस्तों को मोदी सरकार के खिलाफ भड़काऊ बाइट दिलवाते हुए रंगे हाथों पकड़ी गई थी

इंडिया टुडे की इस महिला रिपोर्टर ने JNU के कई छात्रों, नक्सल NGO वालों और कांग्रेस नेताओं को रातभर अपडेट किया ताकि सुबह होते होते यूपी की हर सड़क पर भीम आर्मी और कांग्रेस के कार्यकर्ता मिलकर दंगे फसाद कर सकें। भीम आर्मी के कई नेताओं को इस महिला रिपोर्टर ने wats app पर वीडियो भेजे , JNU के पूर्व नेताओं को भेजे, साथ ही कांग्रेस समर्थित मीडिया गिरोहों को लगातार update किया ताकि सोशल मीडिया पर झूठ का बवंडर खड़ा कर माहौल खराब किया जा सके। 
रातभर इस महिला रिपोर्टर ने अपनी पहचान छिपाकर यूपी पुलिस की हर गतिविधि पर पैनी निगाह रखी और रातभर वामपंथी-कांग्रेसी-भीम आर्मी नेताओं को अपडेट किया। इनकी प्लानिंग को यूपी पुलिस ने भांप लिया और रात में ही घरवालों की रजामंदी से लड़की का अंतिम संस्कार कर दिया। पुलिस को भनक थी कि प्रियंका गांधी हाथरस पहुंचकर शव का अंतिम संस्कार रोक देंगी और फिर सड़क जाम कर पूरे यूपी में दंगे किए जाएंगे। कांग्रेस, वामपंथी, जिहादी गिरोहों की पूरी तैयारी थी कि लड़की के शव को कब्जे में किया जाए और फिर सड़कों पर दंगा फसाद किया जाए। हाथरस मामले में लड़की के अपराधी सलाखों के पीछे हैं, आपसी रंजिश का मसला था , CM आदित्यनाथ ने कहा है कि फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट बनाकर दोषियों को जल्द सजा दी जाएगी, तो आखिर लड़की की जाति-रेप की झूठी खबर-जीभ काटना जैसी भ्रामक बातें फैलाकर दंगों की साजिश क्यों की गई? 

true faces

हाथरस में दलित लड़की की हत्या का मामला सोशल मीडिया में छाया हुआ है, लोग आक्रोशित है और योगी सरकार पे सवाल उठा रहे है। विपक्ष मुद्दे को उछालने में कोई कसर नही छोड़ रहा। जबकि 4 अपराधी गिरफ्तार हो चुके है और मुख्यमंत्री योगी जी कड़ी कार्यवाही के निर्देश दे चुके है। आखिर जब अपराधी पकड़े गए तो 14 सितंबर के मामले ने अचानक 28 सितंबर को जोर क्यों पकड़ा। कारण है अपराधियों का ठाकुर जाति का होना। विपक्ष और खासकर प्रियंका गांधी योगी जी को ठाकुर और बिष्ठ कहके जातिवादी साबित करने की कोशिश अक्सर करती देखी गयी है।

ये देखिए उदित राज का ट्वीट:

ये राहुल गांधी का वर्ग विशेष का ट्वीट:

इस मामले में लड़की का वीडियो बयान दर्ज हुआ था जिसमे उसने बलात्कर या जीभ काटने का जिक्र नही किआ था। मारपीट का केस लड़की के भाई ने दर्ज कराया था और पुलिस ने अपराधी पकड़ लिए थे। पुरानी रंजिश की बात भी सामने आई है। दोनों परिवार 3 पीढ़ी से लड़ते आये है।

विपक्ष उत्तर प्रदेश में ऐसे मामले उठता रहा है जिसमे पीड़ित ब्राह्मण हो। कारण योगी को ब्राह्मण विरोधी साबित करना।

हाल ही में 26  अगस्त को प्रियंका वाड्रा ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले में हुई दलित लड़की की हत्या और बलात्कर के मामले में ट्वीट किया।इस मामले पे अखिलेश यादव ने भी ट्वीट किया था।

लखीमपुर पुलिस ने उनको बताया कि अपराधी मुस्लिम युवक को जेल भेज दिया गया है। उस मामले पे कोई हल्ला नही मचाया गया।

इसके बाद बहुत सफाई से 2 सितंबर के ट्वीट में प्रियंका वाड्रा ने कई घटनाओं का जिक्र किया लेकिन 26 अगस्त के खुद का ट्वीट भूल गयी, लखीमपुर वाली घटना का जिक्र नही किआ ;

आखिर क्यों क्या 6 दिन पुराना दर्द भूल गयी या मुस्लिम वोट बैंक का खतरा नज़र आ गया। अखिलेश भी ऐसे गायब हुए जैसे गधे के सर से सींघ।

5 दिन पहले सोनभद्र में लड़की की लव जिहाद में मुस्लिम न बनने पे हत्या हुई, कोई हल्ला नही मचाया गया।

राजस्थान में 3 दिन पहले दलित महिला का मुस्लिम ने रेप किया, मीडिया ने खबर दबा दी।

हाथरस वाले मामले को पूरा विपक्षी तंत्र  जोर सोर से उठा रहा है। राजदीप और बरखा ट्वीट कर रहे है।

इसका मतलब ये की घटना की जगह की सरकार , पीड़ित की जाति और अपराधी की जाति और उसमें फिट होते एजेंडे के हिसाब से हम विरोध करेंगे।

मोदी योगी से कुछ मुट्ठी भर लोगों की नफरत ने आज उन्हें इस कदर अँधा कर दिया है कि वे संवेदनाहीन होकर , लाशों के ऊपर मँडराने वाले गिद्ध जैसे हो गए हैं और मौक़ा मिलते ही अपने पंजों चोंच के साथ नोंचने खाने के लिए प्रकट हो जाते हैं।

बात बात पर मोमबत्ती बैनर और पोस्टर लेकर , एक नकली मुखौटा लगाए इन लोगों को ये याद नहीं रहता कि ,ऐसे ही एक झाड़ू छाप धरने में एक किसान ने इनके सामने ही आत्महत्या कर ली थी और ये सारी मोमबत्तियाँ एक साथ बुझ गईं थी मगर एक इनकी शर्म है जो नहीं पिघली | हैरानी होती है कि ये पार्टी अलग और ईमनादार राजनीति का दम भरती है |

इनके अलावा प्रियंका , राहुल, अखिलेश जैसे था भीम आर्मी के रावण जैसे मौकापरस्त और निहायत ही स्वार्थी हो चुके लोग तो मोदी योगी के राज़ और लोकप्रियता से जलभुन कर जाने कबके एक ऐसी मशीन में परिवर्तित हो चुके हैं जो इन घटनाओं /दुर्घटनाओं /अपराधों की भनक लगते है अपनी केंचुली उतार कर बाहर आ जाते हैं और फिर शोर शराबा करके बिलों में छुप जाते हैं |

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