राम जन्मभूमि आंदोलन के समय देश के बच्चे बच्चे में इतनी जागृति आ गई थी कि हिंदू चेतना का गगन विस्तार 6 दिसंबर 1992 के दिन देखने को मिला जब अपने आराध्य श्री राम की जन्मभूमि पर बनी हुई बाबरी मस्जिद को हिंदू धर्म योद्धाओं ने चंद घंटों में ही ढहा दिया। देश के कोने-कोने, गली-गली , गांव-गांव, बच्चे से लेकर बूढ़े तक फैली इस धर्म जागृति के पीछे फिजा में तैर रहे नारों का कमाल था यह वह नारे थे जिनसे 90 के दशक में देश का आसमान गूंजता था।


उस समय…

बच्चा बच्चा राम का जन्मभूमि के काम का 

तेल लगाकर डाबर का नाम मिटा दो बाबर का

सौगंध राम की खाते हैं मंदिर वहीं बनाएंगे

 ‘बच्चा-बच्चा राम का, जन्म भूमि के काम का

‘रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे’

‘हर घर भगवा छाएगा, राम राज्य अब आएगा’, 

‘कर दो जाके ये ऐलान, भगवा रंग मेरी पहचान’, 

‘हम हिन्दू जगाने आए हैं, हिन्दू जगाकर जाएंगे’,

मरते दम तक अपने मुख से जयश्री राम गाएंगे’ जैसे नारे गूंज रहे थे।


हमने आपको यह नारे इसलिए बताएं हैं ताकि आप आने वाली पीढ़ियों को यह सुना और बता सके कि उनके पुरखों ने राम मंदिर निर्माण के लिए किस तरह दशक भर का संघर्ष किया था और अब उस वीरता की ज्वाला को आने वाली पीढियां काशी मथुरा में दिखा सकें।

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.