निवेदिता शर्मा – बी एल शर्मा ‘प्रेम’ जी की सुपुत्री का लेख

“तेरा वैभव अमर रहे माँ
हम दिन चार रहे न रहे ”

मेरा बचपन और जवानी
अपने पिता श्री बी एल शर्मा “प्रेम” जी से यह शब्द सुन-सुन कर गुज़री है ..

कितनी बार मैंने सुबह 4-5 बजे उन्हें अपने फोन से पुलिस अधिकारी,धर्मिक गुरू, नेताओ और कार्यकर्ताओ से देश और हिन्दू धर्म की चिंता करते देखा है..

और मैं सोचती थी कि क्या कोई और भी होगा जिसे देश और धर्म की इतनी चिंता होगी..
अक्सर वो राजनीतिक संत कहते थे। कि पुत्तर मैं तो आरएसएस का स्वयंसेवक हूं और संघ की बांसुरी हूँ। और वो जैसे बजायेंगे मैं वैसे ही बजूंगा।।


आज हम सब के लिए बहुत हर्ष का दिन है कि भगवान श्री राम जन्मभूमि का शिलान्यास का शुभारंभ हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा हो रहा है।
“प्रेम जी” भी उन 4 गिने चुने भाग्यशाली लोगो मे शामिल थे,जिन्होंने 1949 के समय प्रकट हुई रामलला की मूर्ति को स्थापित होते देखा था । और तभी से उनका सपना था एक भव्य राम मंदिर का..


1983 में “प्रेमजी” को इंद्रप्रस्थ विश्व हिंदू परिषद का महामंत्री बनाया गया। उसके बाद किस तरह से उन्होंने राजधानी दिल्ली में विहिप के संगठन और कार्यक्रम को आगे बढ़ाया यह सर्वविदित है।


1985 में प्रेम जी ने श्री राम जन्मभूमि के आंदोलन की शुरुआत कर दी जिसमे हिन्दुओ के जागरण के लिए रथ यात्रायें और जन शिला पूजन के कार्यक्रम करवाए। और राम जन्मभूमि के लिए हस्ताक्षर अभियान चला कर लाखो लोगो का जन समर्थन भी जुटाया।

1989 मे वोट क्लब पर विशाल रैली आयोजित की जिस में देश के सब धर्मिक गुरू, शंकराचार्य ,मठाधीश, और संतो को एक मंच पर लाकर श्रीराम जन्मभूमि की मुक्ति का संकल्प लिया गया जो पूरे देश मे चर्चा का विषय बना था।

6 दिसंबर 1992 को प्रेम जी कार्यकर्ताओ के साथ अयोध्या में उपस्थित थे। जैसे ही ढांचा गिरा तो एक कारसेवक मित्र ने रामलला की मूर्ति प्रेम जी को पकड़ा दी। जिसे उन्होंने गोद मे रख लिया वही मूर्ति जिसे 1949 में उनके सामने स्थापित किया गया था। वो क्षण बहुत भावुक थे। जो जीवन भर उन्हें स्पंदित करते रहे। सब राम जी की इच्छा थी?

बाबरी मस्जिद का ढांचा गिरने के बाद उन्हें दोषी मानते हुए सरकार ने उन पर भी केस चलाया। पिछले साल 88 वर्ष की आयु में भी वो लखनऊ में पेशी के लिए लालकृष्ण आडवाणी जी के साथ लखनऊ न्यायालय में हाज़िर हुए थे ।

आज अगर वो जीवित होते तो बहुत ही खुश होते कि उनकी और उनके जैसे लाखो संतो,करोड़ो रामभक्तों का संघर्ष ,उनकी साधना सफल हुई। और सनातन पर प्रहार करने वाले आक्रांता बाबर का कलंक आज धो दिया गया ।।

Nivedita sharma (daughter of Shri B.L. Sharma ‘Prem’ Ji

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