कल देशभर में उत्साह से संपन्न श्रीरामनवमी के दिन अनेक राज्यों में रामनवमी की शोभायात्राओं पर पथराव करते हुए भीषण आक्रमण करने की घटनाएं घटी हैं । महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, गोवा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, बंगाल आदि अनेक राज्यों में धर्मांध मुसलमानों द्वारा यह आक्रमण किया गया । एक ओर देश में तनाव और सांप्रदायिकता बढने का कारण बताकर हिन्दू संत–धर्माचार्य आदि पर कार्यवाही करने की मांग कम्युनिस्ट, सेक्युलरवादी, आधुनिकतावादी निरंतर करते रहते हैं; परंतु हिंदुओं के त्योहारों के समय धर्मांधों द्वारा किए गए आक्रमणों के संबंध में ये मंडली सुविधाजनक रूप से मौन साध लेती है । मूर्तिभंजक मुगलों का इतिहास सर्व विदित ही है । भारत के लाखों मंदिरों पर मुगलों ने आक्रमण कर उन्हें नष्ट और भ्रष्ट किया है तथा हजारों मंदिरों पर आक्रमण कर उस स्थान पर मस्जिदों का निर्माण किया है । कुछ समय पूर्व ही श्रीराम जन्मभूमि प्रकरण पर सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय दिया है । श्रीराम मंदिर की नींव भरी जा रही है, उसी समय कुछ धर्मांधों ने रामनवमी निमित्त निकाली जा रही शोभायात्राओं पर देशभर में आक्रमण किए । यह घटना अत्यंत गंभीर है तथा इसे केंद्र सरकार को तुरंत संज्ञान में लेना चाहिए । कोई हिन्दुओं के संयम का अंत न देखे । रामनवमी की शोभायात्राओं पर आक्रमण करनेवाले मूर्तिभंजक मुगलों के ही वंशज हैं तथा इस प्रकरण में दोषियों पर कठोर कार्यवाही की जाए, ऐसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति ने की है ।
देश भर में हिंदुओं के त्योहारों के समय घटने वाली ये घटनाएं संतापजनक हैं, तब भी किसी भी मेनस्ट्रीम मीडिया में इन घटनाओं के संबंध में विशेष चर्चा होती दिखाई नहीं देती । पिछले सप्ताह ही राजस्थान स्थित करौली में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा निमित्त निकाली गई हिन्दू नववर्ष यात्रा पर धर्मांधों ने भीषण आक्रमण किया । वहां के अनेक हिन्दू दुकानदार स्वयं की दुकाने बेचकर जाने की तैयारी में हैं । अर्थात वर्ष 1990 में कश्मीर में हिन्दुओं के साथ जो घटा है, वह भारत में अन्यत्र भी घटने लगा है । इससे पूर्व भी नवरात्रि और अन्य त्योहारों के समय भी ऐसे आक्रमण निरंतर हुए हैं ।
‘जे.एन.यू’ में तो महिषासुर राक्षस की जयंती मनाने से लेकर ‘भारत तेरे टुकडे होंगे ।’ आदि नारे लगाए जाते हैं; परंतु ‘जय श्रीराम’ का नारा और रामनवमी की पूजा करना स्वीकार नहीं होता । जे.एन.यू. में कल भी हिंसक घटना हुई है । देशभर में घटने वाली घटनाओं को देखते हुए यह एक सुनियोजित षड्यंत्र है, ऐसा ही ध्यान में आता है । अतः मा. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शहाजी से इन घटनाओं की गहन जांच करने की मांग समिति ने की है ।
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