पाप गायिका रेहाना -ये नाम शायद ही किसी आम भारतीय ने अबसे पहले सुना हो . मगर पिछले दो दिनों में ही रेहाना का नाम और काम और उससे ज्यादा उसके एहसान फरामोश चरित्र के बारे में सबको पता चल गया . असल में बारबाडोस की नागरिक पॉप सिंगर रेहाना ने मात्र 18 करोड़ रुपए लेकर , भारत में किसान आंदोलन के नाम पर चलाए जाने वाले उपद्रव और उत्पात के समर्थन में ट्वीट करके विश्व समुदाय और अपने दस करोड़ अनुसरकों का ध्यान जबरन ही इस मुद्दे की ओर दिलवाया .

अब ये समझिए कि , रेहाना जब ये सब करतूत कुछ रुपयों के लिए कर रही थी ठीक तभी बारबाडोस की प्रधानमंत्री भारत सरकार और प्रधानमंत्री मोदी को इस बात के लिए धन्यवाद और आभार प्रकट कर रही थीं कि उन्होंने बाकी देशों के मुकाबले उनके देश में कोरोना महामारी की स्थिति को देखते हुए सबसे पहले उनके देश को कोरोना वैक्सीन की खेप उपलब्ध करवाई . अब इस खबर को पढ़कर ,जानकर भी रेहाना अपनी अंतरात्मा में झांक कर अपनी भूल और अपराध को समझ पाएंगी इसमें संदेह है .

हालांकि इस बी च रेहाना की मुश्किल और भी अधिक बढ़ गई है क्योंकि सौंदर्य प्रसाधन उत्पादों को बनाने वाली उनकी कंपनी फेंटी ब्यूटी के विरूद्ध लीगल राइट ऑब्ज़र्वेटरी ने कानून के उल्लंघ का गभीर आरोप लगाते हुए कानूनी कार्यवाही के लिए शिकायत दर्ज कराई है .

असल में रेहाना की कंपनी फेंटी ब्यूटी अपने सौंदर्य प्रसाधनों के निर्माण में भारत के झारखण्ड के नवादा से अबरख यानी माईका की खरीद करती है . इस क्षेत्र में बाल श्रम की समस्या के गंभीर होने के कारण सरकार ने सभी के लिए आपूर्ति चक्र क्लीयरेंस प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य किया हुआ है . सूत्रों की मानें तो रेहाना की कंपनी के पास यह प्रमाणपत्र नहीं है .

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