1. कर्नाटक में हिजाब के मुद्दे को लेकर जिस तरीके से मुस्लिम समाज के तमाम लोगों ने बंद का आवाहन किया अब उसका जवाब मिलना शुरू हो गया है। कर्नाटक की एक मंदिर सोसायटी ने ऐलान किया है कि वह अपने एरिया में मुस्लिम दुकानदारों की दुकानों को नहीं लगने देंगे। मंदिर में पूजा सामग्री की कई दुकानें इस सालाना पूजा के अवसर पर लगाई जाती हैं और उनकी बोली लगती है। मंदिर समिति के आयोजक रमेश हेगड़े के अनुसार उनके पास कई हिन्दू संगठनों के पत्र आए कि किसी भी प्रकार की क़ानून और व्यवस्था की समस्या से बचने के लिए, यह जरूरी है कि मंदिर में दुकानें केवल हिन्दुओं को ही दी जाएं क्योंकि मुस्लिमों ने हिजाब के मामले पर देश के क़ानून और न्यायालय के निर्णय का आदर नहीं किया।

इस विषय में हिन्दू जागरण वैदिक के मंग्लुरु विभाग के महासचिव प्रकाश कुक्केहाली ने कहा कि उन्होंने पहले कॉप नगर पालिका के मुख्य अधिकारी को इस आग्रह का पत्र दिया था कि मंदिर की दुकानों की बोली में केवल हिन्दुओं को ही भाग लेने का अवसर दिया जाए, और फिर उसके बाद मंदिर से संपर्क किया।

मीडिया के अनुसार उनका दावा है कि “यहाँ तक कि मंदिर के स्थानीय भक्त भी इस बात को लेकर बहुत आहत हैं कि मुस्लिमों ने 17 मार्च को कर्नाटक बंद के दौरान अपनी दुकानें बंद रखीं। मंदिर द्वारा लिए गए निर्णय में सभी हितधारकों की अनुमति है!”

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