धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश होने के बाद से उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से  हैरान करने वाले खुलासे सामने आ रही हैं। ऐसा ही एक खुलासा फतेहपुर के नूरुल हुदा स्कूल को लेकर हुआ है .यहां पढ़ाने वाली इंग्लिश की टीचर कल्पना सिंह ने नया खुलासा किया है। कल्पना सिंह ने बताया कि वह नूरुल हुदा इंग्लिश मीडियम स्कूल अंग्रेजी की टीचर थीं। उनके स्कूल में भी उमर गौतम का आना-जाना होता था . 2020 के फरवरी-मार्च महीने में भी वह स्कूल आया था। उसके साथ 20-25 मौलाना और भी थे। टीचर ने बताया कि नुरुल हुदा स्कूल में इंग्लिश विषयों के साथ-साथ वहां पढ़ने वाले हिन्दू बच्चों को मुस्लिम बच्चों के साथ बिठाकर इस्लामिक तालीम दी जाती थी.

इसके अलावा कल्पना सिंह ने कहा कि वे लोग हिन्दू देवी देवताओं के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल कर हिन्दू बच्चों को हिंदू धर्म के खिलाफ भड़काते थे . कल्पना ने बताया कि उन पर भी इस्लाम धर्म अपनाने के लिए लगातार दबाव बनाया जाता था और उन्हें कई तरह का लालच दिया जाता था.

लेकिन जब कल्पना ने इसका विरोध किया तो उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया। उन्हें स्कूल के प्रबंधक शरीफ मौलाना और उसके बेटे उमैर शरीफ ने अपमानित कर उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी . उनका एक साल का वेतन भी नहीं दिया गया था। इसके बाद वह स्कूल से त्यागपत्र देकर 20 मार्च को मामले की रिपोर्ट लिखवाने सदर कोतवाली गई थी. आरोप है कि सदर कोतवाली पुलिस ने शिक्षिका की तहरीर पर मुकदमा नहीं दर्ज किया था और उन पर दबाव बनाकर एक दूसरी तहरीर लिखवाई थी, जिस पर स्कूल प्रबंधक और उसके बेटे का बचाव करते हुए पुलिस ने मामूली धाराओं में केस दर्ज किया था.

बता दें आपको यूपी ATS ने मूक बाधिर छात्रों और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों  को पैसे और नौकरी का लालच देकर धर्मांतरण कराने वाले एक बड़े गिरोह के दो मौलानाओं को गिरफ्तार किया था। जिसके तार धीरे-धीरे कई मामलों से जुड़ते दिख रहे हैं।

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