Credit – Jat Itihas , username- @Jat_Itihas
हममें से बहुत से लोग उस दोस्ती और गठबंधन के बारे में नहीं जानते जो जाट और मराठों ने सबसे पुरानी सभ्यता यानी भारतीय सभ्यता की रक्षा के लिए साझा की थी।
1857 के स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों के खिलाफ जाट और मराठों का गठबंधन हुआ था। मराठा सेनापति नाना साहब बलियान खाप के नेता थान सिंह के लगातार संपर्क में थे। विभिन्न जाट खापों और मराठों की सेनाओं ने ब्रितानियों के खिलाफ कई स्थानों पर एक साथ लड़ाई लड़ी।
मराठों और जाट खापों के बीच संबंध पुराने हैं। पानीपत के युद्ध से पहले सदाशिव राव भाऊ ने बालियान खाप को पत्र भेजकर हिंदू धर्म की रक्षा में सहायता का अनुरोध किया था। इसके बाद बलियान खाप ने 10,000 की मजबूत टुकड़ी को पानीपत में लड़ने के लिए भेजा। इस सभ्यता के लोगों ने बहुत कुछ सहा है और अपने जीवन का बलिदान देने से कभी नहीं हिचकिचाए और इसी प्रतिरोध के कारण हमारी सभ्यता आज भी खड़ी है।
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