हाल ही में एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म के पोस्टर ने देश में अभिव्यक्ति की आजादी पर नया विवाद शुरू कर दिया है. लीना मणिमेकलई (Leena Manimekalai) ने अपने ट्विटर अकाउंट पर मां काली को चित्रित एक पोस्टर को शेयर किया जिसके बाद हिन्दू धर्म से जुड़े लोगों ने लीना मणिमेकलई की गिरफ्तारी की मांग तेज कर दी. किन्तु जिनकी चर्चा पूरे देश में विवादों के कारण हो रही है वहीं मां काली हिन्दू धर्म में सबसे पूजनीय देवी हैं. क्या आप उनके उत्पत्ति के विषय में जानते हैं? आइए जानते हैं कैसे हुई थी मां दुर्गा के उग्र स्वरूप की उत्पत्ति.
कैसे हुई थी मां काली के उग्र रूप की उत्पत्ति?
माना जाता है कि एक बाद दारुक नामक असुर ने ब्रह्म देव को प्रसन्न करके शक्ति का वरदान मांग था. जिसके बाद स्वर्गलोक से धरतीलोक तक हाहाकार मच गया था. दारुक ने न केवल मानवों को दुख देने लगा बल्कि देवताओं पर भी यातना होने लगी. उसने सभी धार्मिक अनुष्ठानों को बाधित कर दिया और स्वर्गलोक में ही अपना राज्य स्थापित कर लिया. सभी ब्रह्मा जी और भगवान विष्णु के पास मदद की गुहार लेकर पहुंचे. ब्रह्म देव ने देवताओं को यह सुझाव दिया कि दारुक को केवल स्त्री द्वारा ही मारा जा सकता है. तब ब्रह्म देव और विष्णु जी समेत सभी देवता स्त्री रूप में राक्षस से लड़ने पहुंचें. लेकिन दारुक के बल आगे कोई भी नहीं टिक पाया और सभी निराश होकर लौट आए.
इस पराजय के बाद सभी देवता गण महादेव के पास मदद मांगने पहुंचे और उन्हें दैत्य के विषय में अवगत कराया. तब भगवान शिव ने पार्वती जी की ओर देखा और दुष्ट राक्षस के वध की प्रार्थना की. यह सुनकर मां पार्वती ने अपने एक अंश को भगवान शिव के भीतर प्रवेश कराया.
जिस समय माता के अंश ने भगवान के शरीर प्रवेश किया वैसे ही वह महादेव के कंठ में स्थित विष से अपना रूप लेने लगा. विष का प्रभाव ऐसा था कि उनका वर्ण काला हो गया और तब भगवान शिव ने अपने तीसरा नेत्र खोल दिया. नेत्र खुलते ही उग्र रूप लिए मां काली उत्पन्न हुईं. उनके भी ललाट में तीसरा नेत्र और चंद्र रेखा बनी हुई. कंठ में विष के चिन्ह साफ-साफ दिखाई दे रहे थे. हाथ में त्रिशूल और भिन्न-भिन्न अस्त्रों से वह सुषभीत थीं. माता का यह रूप देखकर देवता भी भयभीत हो गए. उनके केवल हुंकार से ही दारुक और दैत्य सेना जलकर भस्म हो गई.
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