कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में भारत की मदद के लिए केन्या भी आगे आया है. पूर्वी अफ्रीकी देश केन्या ने कोविड-19 रिलीफ के तहत भारत को 12 टन फूड प्रोडक्ट्स दान किए हैं. इनमें चाय, कॉफी और मूंगफली जैसे प्रोडक्ट शामिल हैं. केन्या ने ये सामग्री इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी को दी है. इन सामग्रियों को महाराष्ट्र में बांटा जाएगा. फूड प्रोडक्ट्स दान देने दिल्ली से मुंबई आए बेट ने कहा कि ये दान फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए है, जो लोगों की जान बचाने के लिए घंटों काम कर रहे हैं. वहीं इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी (महाराष्ट्र ब्रांच) के वाइस चेयरमैन होमी खुशरोखन ने कहा कि ये दान केन्या के लोगों की भारतीयों के प्रति सहानुभूति दिखाता है.
लेकिन इस बीच केन्या से भारत के लिए भेजे गए 12 टन अनाज को लेकर बहुत से लोग सोशल मीडिया पर मज़ाक उड़ा रहे है। सोशल मीडिया पर केन्या को “भिखारी, भिखमंगा, गरीब” कहा जा रहा है। लेकिन जो लोग मजाक उड़ा रहे हैं उन्हें ये नहीं पता बेशक ये मदद छोटी है लेकिन केन्या ने दिल जीत लिया है पूरे राष्ट्रवादियों का. केन्या की तरफ से आए इस मदद को लेकर केंद्र सरकार ने भी उनका मान बढ़ाया है.बाकी केन्या को दिल से सलाम.
केन्या-भारत के बीच मजबूत रिश्ते
केन्या का भारत से बेहद मज़बूत रिश्ता है. इस कारण भारतीयों को भाई की तरह देखा जाता है. आपको जानकर हैरान होगी कि केन्या के कई अमीर लोग इलाज के लिए भारत आते हैं क्योंकि उन्हें पता है कि उन्हें भारत में सस्ते में अच्छा इलाज मिलेगा. भारत केन्या के छात्रों को वज़ीफा देता है. केन्या के कई लोग पढ़ने के लिए तीन-चार साल के लिए भारत जाते हैं और फिर वो वापस चले जाते हैं.
हिंदू धर्म को लेकर भी केन्या में पालन करने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्रता हैं, कई केन्याई शहरों में आपको हिंदू मंदिर दिख जाएंगे, केन्या में हिंदू मंदिर ज्यादातर उत्तर और पश्चिम भारतीय स्थापत्य शैली के हैं। यही नहीं केन्या में बड़े बड़े मंदिर और सैकड़ों लोग यज्ञ-संस्कार भी बिना किसी रोक-टोक के करते हैं. केन्या हिंदू धर्म को मान्यता देने वाले केवल तीन अफ्रीकी देशों में से एक है। केन्या के नागरिकों ने कभी भी हिन्दू समुदाय के लोगों के साथ कोई भेदभाव नहीं किया. बल्कि हिंदुओं के सनातन, संस्कार के कारण केन्या में सभी हिंदुओं को एक अलग इज्जत मिलती हैं. शायद यही वजह है कि हिंदू विरोधी और विधर्मी चिढ़ की वजह से केन्या का मजाक उड़ा रहे है।
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