देश भर में चरमपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर एक के बाद एक बड़ी कार्रवाई की जा रही है. PFI भारत को एक इस्लामिक राष्ट्र बनाने के सपने देखता है और वह देश में इस्लामिक कट्टरता बढ़ाने की लगातार हर तरीके से कोशिश कर रहा है. जिस तरह से राष्ट्रीय एजेंसियों ने इस संगठन और उससे जुड़े लोगों पर हाथ डाला है उससे ये अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि जल्द की PFI का नामोनिशान मिट जाएगा.
PFI पर कार्रवाई के बाद कई बड़े और हैरान करने वाले खुलासे हो रहे हैं. कई रिपोर्टों से ये पता चला है कि ‘गजवा-ए-हिंद’ का सपना देखने वाले PFI देश में कई खतरनाक एजेंडो को चला रहा है. जिसके तहत पीएफआई सदस्यों को खुला ऑफर देती थी कि वो हिंदू लड़कियों को फंसाकर शादी करके उनका धर्म परिवर्तन कराएं। शादी के लिए सदस्यों को नकद रुपयों के अलावा नौकरी और घर भी मुहैया कराया जाता था। PFI के एक ऑपरेशन के तहत मिशन लव जिहाद चलाया जा रहा है। इस ऑपरेशन के जरिये कट्टरपंथियों द्वारा पहले हिंदू लड़कियों से नाम बदलकर दोस्ती की जाती है और फिर उन्हें अपने प्यार के जाल में फंसाया जाता है। कई बार हिंदु लड़कियों को गर्भवती कर उन्हें धर्म परिवर्तन करने के लिए मजबूर किया जाता है। आखिर में उनका जबरन धर्म परिवर्तन करा उन्हें हलाला जैसी कुप्रथाओं के दलदल में झोंक दिया जाता है। इसके लिए ये लोग ग्रामीण इलाकों में रहने वाली हिंदु लड़कियों को फंसाते हैं जिनमें ज्यादातर लड़कियां गरीब और पिछड़ी जाति की होती है.
यही नहीं PFI की शह पर देश के कई हिस्सों में मजबूर और गरीब लोगों को कहीं बंदूक की नोक पर तो कहीं सुविधाओं का लालच देकर इस्लाम कबूलने और धर्म परिवर्तन कराया जाता है। आपको ऐसी कई घटनाएं देश के अलग-अलग राज्यों में देखने को मिल जाएंगे जहां जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है. इन सभी मामलों में PFI की संलिप्तता रहती है. NIA की रेड में पकडे़ गए सदस्यों ने स्वीकार किया कि वो धर्म परिवर्तन कराने का काम करते थे। धर्म परिवर्तन के लिए भी मोटी रकम दी जाती थी। धर्म परिवर्तन करने वाले को रोजगार और घर की सुविधा उपलब्ध कराई जाती थी। ये सभी फंडिग विदेश से होती थी।
PFI को विदेश से हर साल हजारों करोड़ों रुपये की फंडिग की जाती थी। इतना ही नहीं कई रिपोर्टों से ये पता चला है कि प्रदेश के कई जगहों पर पीएफआई ने अपने प्रतिक्षण शिविर भी लगाए हुए थे। इन प्रशिक्षण शिविरों में लोगों को लव-जिहाद, धर्मांतरण के तरीके के बारे में बताया जाता था।
जाहिर है जिस तरह से सुरक्षा एजेंसियां PFI के पीछे पड़ी है. उससे इतना तो समझ आ रहा है कि अब PFI का अंत बहुत नजदीक है. यानि PFI का ‘गजवा ए हिंद’ का सपना सिर्फ सपना ही बन कर रह जाएगा.
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