इस समय दुनिया के कई इस्लामिक देशों में महिलाएं हिजाब जला रही हैं क्योंकि वो अब हिजाब के अंदर घुटना नहीं चाहती. इसीलिए हिजाब का विरोध जारी है . लेकिन भारत का क्या? जहां कुछ मुट्ठीभर मुस्लिम कट्टरपंथी हिजाब को अपने धार्मिक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. भारत में अब भी बुर्के के विरोध पर विशेष समुदाय ने चुप्पी साधी हुई हैं. जिसका असर साफ तौर पर दिख रहा है.

दरअसल बुर्का और हिजाब को लेकर कई देशों में बढ़ते बवाल के बीच मुंबई से हैरान करने वाली खबर आई है। जहां इकबाल महमूद शेख नाम के शख्स ने अपनी पत्नी रुपाली को इसलिए गला रेतकर मार डाला कि वह मुस्लिम रीति रिवाजों को नहीं मान रही थी और उसने बुर्का पहनने से इंकार कर दिया था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रूपाली ने इकबाल से तलाक भी मांग लिया था और बच्चों की कस्टडी भी नहीं दी थी। जिसके बाद सनकी शौहर इकबाल ने रुपाली की बड़ी ही बेरहमी से हत्या कर दी. फिलहाल तिलकनगर थाने की पुलिस ने इकबाल को अरेस्ट कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।

आरोपी इकबाल शेख और रूपाली ने तीन साल पहले ही प्रेम विवाह किया था। शादी के कुछ ही दिनों में वह इकबाल के घर रहने आ गई। रूपाली हिंदू थी और उसने शादी के बाद भी मुस्लिम रीति-रिवाजों का पालन नहीं कर रही थी। इससे इकबाल और उसके परिवार वाले भड़के हुए थे। आरोप है कि इकबाल के परिवार वालों की तरफ से रूपाली पर लगातार बुर्का पहनने का दबाव बनाया जा रहा था. लेकिन रूपाली ने उनकी बात नहीं मानी. अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक रुपाली इकबाल की दूसरी पत्नी थी। इकबाल ने पहली पत्नी को इसलिए तलाक दे दिया था क्योंकि उसके बच्चे नहीं थे।

जाहिर है जहां ईरान में बुर्का ना पहनने की वजह से महसा अमीनी की शहादत ने बुर्के में जकड़ी हुई लाखों महिलाओं को बुर्का जलाने की प्रेरणा दी. वहीं मुंबई की रुपाली की हत्या पर हर जगह सन्नाटा छाया हुआ है. लेकिन यही सही समय है जब भारत में भी हिजाब के खिलाफ मुस्लिम महिलाएं आवाज उठाएं क्योंकि आज रुपाली है तो कल रजिया भी हो सकती है!

 

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