गीतकार मनोज मुंतशिर ने ‘आप किसके वंशज है’ पूछ कर पूरे देश में सार्थक बहस छेड़ दी है। सच का बयान करते ही मनोज मुंतशिर के खिलाफ पूरा वामपंथी गैंग हाथ धोकर पीछे पड़ गया है। ऐसे में जब देश में बहस चल ही रही है तो फिर हम आपको बताते हैं अकबर की कामुकता और उसके मीना बाजार के बारे में … अकबर के समय में आगरे के किले के सामने मैदान में मीना बाजार लगना प्रारंभ हुआ था। शुक्रवार को पुरुष वर्ग तो पांच बार की नमाज में व्यस्त रहता था। इस दिन किले में और किले के आसपास पुरुषों का प्रवेश वर्जित था। सारे मैदान में महिलाएं दुकान सजाकर बैठती थीं और महिलाएं ही ग्राहक बनकर आ सकती थीं।


धीरे-धीरे मीना बाजार जमने लगा। निर्भय बेपरदा महिलाएं खरीद-फरोख्त को घूमने लगीं। अकबर की कूटनियां और स्वयं अकबर स्त्री वेश में मीना बाजार में घूमने लगे। प्रति सप्ताह किसी सेठ या दरबारी की सुंदर महिला पर गाज गिरती। वह अकबर की नजरों में चढ़ जाती , अकबर की कूटनियां किसी भी प्रकार उसे किले में पहुंचा देतीं।कुछ तो लोकलाज का भय, कुछ पति के प्राणों का मोह, लुटी-पिटी महिलाओं का मुंह बंद कर देता। साथ ही अन्य महिलाओं द्वारा यदि पुरुषों तक बात पहुंचती भी तो मौत के डर से मन-मसोसकर रह जाते। अस्मतें लुटती रही और मीना बाजार चलता रहा।


कभी-कभी कोई अत्यंत सुंदर स्त्री अकबर को भा जाती और वह उसके घर वालों के संदेश भिजवा देता कि डोला हरम में भिजवा दें। यदि स्त्री विवाहित हुई तो उसके पति को तलाक के लिए बाध्य करता। इस प्रकार कई दरबारियों की कन्याएं और विवाहिताएं आगरे के किले में लाई गईं। अब आप बताइए कि ऐसे कामुक शासक अकबर को वामपंथी इतिहासकारों ने ‘द ग्रेट अकबर’ बताकर उसका महिमामंडन किया है। मनोज मुंतशिर जैसी सार्थक आवाजों को ऐसे सच लगातार बयान करने चाहिए ताकि मुगलों और उनके अत्यचारों के असल चरित्र सामने आ सकें।

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