दिल्ली के रामलीला मैदान में जबसे मौलाना अरशद मदनी ने बोला है कि अल्लाह ही ॐ है तब से इस बयान को लेकर विवाद शुरू हो गया है मगर मदनी पक्ष के लोगों ने यह कहकर बचाव शुरू किया है कि उन्होंने अल्लाह को ही ॐ बताया है ऐसे में एकता की बात कही है।

अब बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर मस्जिदों में ‘ॐ हू अकबर’ की नमाज होनी कब शुरू होगी? मदनी के मुताबिक जब अल्लाह और ॐ एक ही है तब अल्लाह की जगह नमाज में ॐ का इस्तेमाल होना चाहिए, तभी जाकर असली भाईचारा निकल कर सामने आएगा..!

ऐसे में इस पहल के लिए खुद मौलाना अरशद मदनी को सामने आना चाहिए और उन्हें खुलकर नमाज में बोलना चाहिए ‘ॐ हू अकबर’ इसके बाद की नमाज में ‘अइय्या कृष्ण पनाह’ के शब्द होने चाहिए ताकि मौलाना के बयान से पैदा हुआ भाईचारा और मजबूत हो सके।

मौलाना अरशद मदनी जैसों को बिना जानकारी के बयान देने में बड़ा आनंद आता है ऐसे में ॐ ही अकबर है अब इसकी नमाज शुरु होनी चाहिए क्योंकि अब तक जब से देश आजाद हुआ है तभी से सारे सेक्युलरिज्म का ठेका हम हिंदुओं ने ही ले रखा है अब मुसलमानों को भी इस पक्ष में सामने आकर भाईचारे की मिसाल पेश करनी चाहिए।

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